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लाल किला हिंसा : दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आरोपी बूटा सिंह को दी जमानत

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा के मामले के आरोपी बूटा सिंह को जमानत दे दी है. एडिशनल सेशंस जज कामिनी लॉ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बूटा सिंह को जमानत दी.

आरोपी बूटा सिंह को दी जमानत
आरोपी बूटा सिंह को दी जमानत
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Published : Jul 8, 2021, 5:06 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा के मामले के आरोपी बूटा सिंह को जमानत दे दी है. एडिशनल सेशंस जज कामिनी लॉ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बूटा सिंह को जमानत दी.



बूटा सिंह पर दिल्ली पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम रखा था. उसे पिछले 30 जून को पंजाब के तरनतारन से गिरफ्तार किया गया था. बूटा सिंह पर आरोप है कि वह लाल किला हिंसा में शामिल था और उसने पुलिसकर्मियों पर हमले किए. साथ ही किले के अंदर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को बूटा सिंह की पांच दिनों की हिरासत दी थी ताकि वे इस साजिश के लिए मिले धन का पता लगा सके. बूटा सिंह की ओर से वकील जसप्रीत राय, रविंदर कौर, वीपीएस संधु, जसदीप सिंह ढिल्लो ने दलीलें रखीं.


ये भी पढ़ें- 26 जनवरी हिंसा मामला : आरोपी बूटा सिंह को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

बता दें कि पिछले 19 जून को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. इसमें कहा गया है कि 26 जनवरी को लाल किले पर कब्जे की साजिश रची गई थी और किले को विरोध प्रदर्शन का केंद्र बनाने की योजना थी. गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा फैलाने को सोची-समझी साजिश थी. इस हिंसा के जरिये केंद्र सरकार को बदनाम करने की योजना बनाई गई थी.

ये भी पढ़ें- लाल किला हिंसा का आरोपी बूटा सिंह गिरफ्तार, 50 हजार का था इनामी


दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी, एंशिएंट मानुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट, एपिडेमिक डिसीज एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने उन आरोपों पर संज्ञान नहीं लिया जिनमें अभी अनुमति नहीं ली गई थी. जिन मामलों में अनुमति नहीं ली गई थी उनमें आर्म्स एक्ट, एपिडेमिक एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के कुछ आरोप शामिल हैं. बता दें कि पिछले 17 जून को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल की थी.

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा के मामले के आरोपी बूटा सिंह को जमानत दे दी है. एडिशनल सेशंस जज कामिनी लॉ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बूटा सिंह को जमानत दी.



बूटा सिंह पर दिल्ली पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम रखा था. उसे पिछले 30 जून को पंजाब के तरनतारन से गिरफ्तार किया गया था. बूटा सिंह पर आरोप है कि वह लाल किला हिंसा में शामिल था और उसने पुलिसकर्मियों पर हमले किए. साथ ही किले के अंदर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को बूटा सिंह की पांच दिनों की हिरासत दी थी ताकि वे इस साजिश के लिए मिले धन का पता लगा सके. बूटा सिंह की ओर से वकील जसप्रीत राय, रविंदर कौर, वीपीएस संधु, जसदीप सिंह ढिल्लो ने दलीलें रखीं.


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बता दें कि पिछले 19 जून को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. इसमें कहा गया है कि 26 जनवरी को लाल किले पर कब्जे की साजिश रची गई थी और किले को विरोध प्रदर्शन का केंद्र बनाने की योजना थी. गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा फैलाने को सोची-समझी साजिश थी. इस हिंसा के जरिये केंद्र सरकार को बदनाम करने की योजना बनाई गई थी.

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दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी, एंशिएंट मानुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट, एपिडेमिक डिसीज एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने उन आरोपों पर संज्ञान नहीं लिया जिनमें अभी अनुमति नहीं ली गई थी. जिन मामलों में अनुमति नहीं ली गई थी उनमें आर्म्स एक्ट, एपिडेमिक एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के कुछ आरोप शामिल हैं. बता दें कि पिछले 17 जून को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल की थी.

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