नई दिल्ली: चुनावी मौसम में फिर से दलितों, पिछड़ों और गरीबों की चर्चा शुरू हो गई है. ऐसे में दिल्ली के अंदर निचले तबके के विकास की बातों और वास्तविकता में कितना अंतर है, इस बारे में ईटीवी भारत ने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री से राजेंद्र पाल गौतम से खास बातचीत की है.
'हमने बेहतर प्रयास किए'
दिल्ली में देश भर के लोग नौकरी पेशे के लिए आते हैं, जिसमें निचले तबके के लोग ज्यादा होते हैं. दिल्ली की एक बड़ी आबादी ऐसे ही लोगों की है. सरकार द्वारा चलाई गई कई योजनाओं के बाद भी लोगों को इनका फायदा नहीं मिल पाता है. इस बार भी चुनाव में यह अहम मुद्दा है. इस पर दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री का कहना है कि यह समस्या तो है, लेकिन दिल्ली सरकार ने अपने बीते 4 साल के कार्यकाल में इसके समाधान की दिशा में बेहतर प्रयास किए हैं.
'UPSC की तैयारी के लिए की मुफ्त व्यवस्था'
दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अपनी सरकार द्वारा किए गए कुछ कार्यों को गिनाते हुए कहा कि हमने गरीब तबके के छात्रों के लिए यूपीएससी और अन्य परीक्षाओं की मुफ्त में तैयारी की व्यवस्था की है.
'सीवर सफाई से जुड़े लोगों को दी मशीनें'
वहीं, हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा सीवर सफाई के लिए भारी संख्या में मशीनें लाई गई, लेकिन अब इन पर सवाल भी उठने लगे हैं कि सरकार ने अपने चहेते लोगों को यह मशीनें दे दी. इस पर किए गए सवाल के जवाब में राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि यह बेबुनियाद आरोप है और सरकार ने उन्हीं लोगों को मशीनें दी जो सीवर सफाई के काम से जुड़े रहे हैं.
'इन्हें मिलती हैं दिल्ली सरकार की सुविधाएं'
दिल्ली में यह भी मुद्दा रहा है कि सरकारी सुविधाएं उन्हीं लोगों को मिलती हैं, जो दिल्ली के स्थायी निवासी हैं, जबकि यहां पर बाहर से आए लोगों की संख्या ज्यादा है. इस मुद्दे पर राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि बाहर से आए वो लोग जो दिल्ली में बीते 5 साल से रह रहे हैं और उनके पास वोटर आई कार्ड है या यहां का रेंट एग्रीमेंट है, उन्हें दिल्ली सरकार की सुविधाएं मिलती हैं.
राजेंद्र पाल गौतम बीते कुछ समय से संविधान को लेकर मुखर रहे हैं, उनका कहना है कि वर्तमान समय में केंद्र की जो सरकार है उससे संविधान को खतरा है.