नई दिल्लीः दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (Delhi Sikh Gurdwara Management Committee) ने दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) में भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया है. दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता, भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और अन्य सिख नेताओं के बीच हुई एक बैठक के बाद गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने यह फैसला लिया.
गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रमुख सरदार हरमीत सिंह कालका ने कहा कि इस बार यह तय किया गया है कि कमेटी बीजेपी को जीत दिलाने के लिए काम करेगी. इस मौके पर सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर. भाजपा मीडिया प्रमुख हरीश खुराना भी उपस्थित थे. कालका ने कहा कि वह अपील करते हैं कि एमसीडी में भाजपा को जीत दिलाएंगे. उन्हें हमेशा भाजपा की तरफ से सहयोग मिलता रहा है. चाहे वह करतारपुर साहिब कॉरिडोर खुलवाने का मुद्दा हो यह हर सिख की चाहत थी कि किसी तरह गुरुद्वारा साहिब के दर्शन किए जाए. सिखों की यह चाहत भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी की.
हरमीत सिंह कालका ने कहा कि जब अफगानिस्तान में सिख भाइयों पर संकट आया तब भी बीजेपी ने तुरंत सीएए के माध्यम से अफगानिस्तान से आए सिख भाइयों को राहत दी. उन्होंने यह भी कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के 350 प्रकाश पर्व को भी मनाया गया. जहां खुद प्रधानमंत्री भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. कालका ने ये भी कहा कि लिस्ट बहुत लंबी है. हमने दिल्ली में रहते हुए 34 सालों से 1984 के दंगों के लिए लड़ाई लड़ी थी. उस मसले में भी बीजेपी ने एसआईटी बनाई. इसी वजह से सिखों के सबसे बड़े दुश्मन सज्जन कुमार को जेल भेजा जा सका.
इस मौके पर दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने सिखों के भाजपा को समर्थन देने के लिए शुक्रिया कहा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से ही सिखों के लिए विशेष प्रेम रखते हैं. बीजेपी के साथ सिखों का संबंध भी बहुत ही आत्मीय रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार निगम में 8 सिख भाइयों और बहनों को टिकट दिया गया है, जिसमें से एक 1984 कि पीड़ित को भी टिकट दिया गया.
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उन्होंने कहा कि हमने उनसे 1984 में कांग्रेस के गुंडों का कहर देखा. उन गुंडों को जेल पहुंचाने का काम मोदी सरकार ने किया. उन्हें अगर न्याय दिलाया है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने. उन्होंने कहा कि पूरी बीजेपी सिखों का बहुत सम्मान करती है, जबकि पुरानी सरकारों ने सिख धार्मिक संस्थाओं को विदेशों से मिलने वाले मान को रोकने के लिए एफसीआरए लाइसेंस रोका हुआ था, जिसमें गृहमंत्री से फिर से शुरू करवाया गया.