नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों से जुड़े शिव विहार के राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारुख को एक मामले में जमानत दे दी है. एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने कहा कि इस मामले में जांच देरी से तब शुरु हुई जब आरोपी को दूसरे मामले में जमानत दी गई. कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयान जल्दबाजी में दर्ज किए गए हैं.
आपराधिक साजिश का साक्ष्य पेश नहीं कर सकी पुलिस
कोर्ट ने कहा कि आरोपी काफी दिनों तक जेल में रहा. उसके बावजूद पुलिस उसके खिलाफ आपराधिक साजिश को साबित करने वाला कोई साक्ष्य नहीं पेश कर सकी. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जून के बाद पुलिस ने कोई जांच नहीं की है. बीते 20 जून को कड़कड़डूमा कोर्ट ने फैसल फारुख को एक मामले में जमानत दी थी. उसके बाद 22 जून को फैसल फारुख को दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था.
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दंगे की साजिश रचने का आरोप
पिछले 3 जून को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फैसल फारुख के खिलाफ कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में दंगा फैलाने, आपराधिक साजिश, डकैती, समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने और आर्म्स ऐक्ट की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए. साथ ही फारुख के खिलाफ स्कूल और आसपास दंगे की साजिश रचने और उसे भड़काने का आरोप लगाए गए. चार्जशीट में कहा गया है कि फारुख के निर्देश पर ही भीड़ ने राजधानी स्कूल के बगल वाले और विरोधी डीआरपी स्कूल के अलावा अनिल स्वीट्स के पार्किंग स्थल को जानबूझकर नष्ट किया गया. इस तथ्य के समर्थन में डीआरपी स्कूल के गार्ड के अलावा खुद राजधानी स्कूल के गार्ड ने भी अपने बयान दर्ज कराए हैं.