नई दिल्ली: दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती वजीराबाद के एसएचओ पीसी यादव ने बताया कि वह अपनी टीम के साथ लाल किले में तैनात थे. तभी किसानों का एक झुंड लाल किले में आया और लाल किले की प्राचीर पर चढ़ने लगे. उन लोगों को रोकने के लिए पुलिस कर्मी भी प्राचीर पर चढ़ने लगे और वहां मौजूद किसानों को समझाकर नीचे भेजने लगे.
किसानों के पास कई तरह के घातक हथियार थे
लाल किले की प्राचीर से हटाने के क्रम में किसान हिंसक हो गए और पुलिसकर्मियों पर हमला करने लगे. उनके पास कई तरह के घातक हथियार थे, जिसके जरिए वह लगातार पुलिस कर्मियों पर हमले कर रहे थे.
इसी बीच एक पुलिसकर्मी के सिर पर किसी घातक हथियार से हमला किया गया और उसके सर से खून बहने लगा. जब उसे लेकर मैं वहां से निकलने लगा तो उपद्रवी किसानों ने मेरे ऊपर भी हमला कर दिया. मैंने सिर पर हेलमेट पहना हुआ था. इसलिए मैंने लाठियों के कई प्रहार सह लिए, लेकिन अचानक पीछे से किसी ने मेरे सिर पर तलवार से वार किया, जिसके कारण मेरा हेलमेट टूट गया और मैं लगभग बेहोश हो गया.
सैकड़ों पुलिसकर्मी हुए घायल
मंगलवार को किसानों के साथ हुए हिंसक झड़प में दिल्ली पुलिस के 300 से भी ज्यादा जवान घायल हुए हैं. इनमें कई की हालत गंभीर है और उन्हें दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
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पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर पुलिस ने संयम से काम नहीं लिया होता तो स्थिति और बिगड़ सकती थी. इस पूरे घटनाक्रम में पश्चिमी, बाहरी और पूर्वी दिल्ली में सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.