नई दिल्ली : कोरोना के कम होते मामलों के बीच एक्सपर्ट अब स्कूल खोले जाने की पैरवी कर रहे हैं. दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. Randeep Guleria ने भी कहा है कि जब मौजूदा समय में संक्रमण रेट लगातार कम हो रहा है. बच्चे पिछले करीब 2 सालों से घर पर रहकर ही पढ़ाई कर रहे हैं तो ऐसे में अब स्कूलों को खोल दिया जाना चाहिए.
इसके साथ ही ICMR ने भी अपने एक बयान में कहा गया है कि मौजूदा समय में प्राइमरी स्कूलों को खोल सकते हैं, जिसके बाद सेकेंडरी स्कूलों को खोला जाना चाहिए. आईसीएमआर की ओर से कहा गया छोटे बच्चों में कोरोना का खतरा कम होता है और हाल ही में आई Sero Survey में भी 6 से 9 साल के बच्चों में अच्छी Immunity मिली है, ऐसे में स्कूलों को खोला जा सकता है.
एक्सपर्ट के इस बयान के बाद अभिभावक स्कूल खोलने जाने को लेकर कितने तैयार हैं और यदि स्कूल खोले जाते हैं तो उनकी ओर से सरकार को क्या कुछ सलाह है इसको लेकर ईटीवी भारत ने अभिभावकों से बात की.
11 साल के प्रथम की मां श्वेता जी ने ईटीवी भारत को बताया कि काफी लंबे समय से स्कूल बंद है. बच्चे घर पर पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन बच्चों को पढ़ाई के लिए वह माहौल नहीं मिल पा रहा है और बच्चों की फिजिकल एक्टिविटीज भी काफी कम हो गई हैं. ऐसे में यदि सरकार चाहती है तो स्कूलों को खोल दिया जाना चाहिए, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी बच्चों की सुरक्षा है जिसके लिए सरकार को यह ध्यान रखना होगा कि जिस घर से भी बच्चे स्कूल आ रहे है उस घर में सभी लोगों को वैक्सीन लग रखी हो और उन सभी सदस्यों के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट स्कूल में जमा होने चाहिए.
इसके साथ ही अभिभावक गंगा देवी ने कहा कि मौजूदा समय में हम देख रहे हैं कि बाजारों को खोले जाने के बाद काफी भीड़ नजर आती है. सरकार की हिदायत के बाद भी लोग नहीं समझ रहे हैं, ऐसे में अगर स्कूलों को खोला जाता है किस प्रकार से बच्चे संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे. वहीं स्कूलों में कैसे नियमों का पालन होगा इसको लेकर लगातार चिंता बनी हुई है?
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इसके साथ ही अभिभावक अंकित शर्मा ने कहा कि यदि अभी स्कूलों को खोला जाता है तो हर एक क्लास में 30 से 40 बच्चे होते हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंस का पालन कैसे होगा. वहीं सरकार ने अभी बच्चों के लिए Vaccine को मंजूरी नहीं दी है, ऐसे में बच्चे अभी Corona से सुरक्षित नहीं है, इसके साथ ही नर्सरी से पांचवीं क्लास तक के बच्चों का तो स्कूल बिल्कुल नहीं खोला जाना चाहिए, क्योंकि 4 से 5 घंटे बच्चे कैसे खुद को हाइजीन रखेंगे. यह कैसे सुनिश्चित होगा कि बच्चे किसी भी ऐसी चीज को हाथ न लगाएं, जिससे कि उन्हें संक्रमण लग सकता है वही बच्चे ज्यादा देर तक मांस ही नहीं लगा सकते.
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इसके साथ ही गुंजन शर्मा ने कहा कि उनका 5 साल का बेटा है, जिसका हर वक्त घर पर ध्यान रखना पड़ता है. उसकी Online Class के दौरान भी उसके साथ बैठना पड़ता है. उसे बताना पड़ता है हाइजीन को लेकर भी उस का खास ख्याल रखना पड़ता है, क्योंकि उसकी बार-बार तबीयत खराब हो जाती है. ऐसे में यदि स्कूलों को खोला जाता है तो स्कूल में कई बच्चे आते हैं सैकड़ों बच्चे होते हैं. ऐसे में सभी बच्चे कैसे सुरक्षित रहेंगे, कैसे संक्रमण से बचे रहेंगे इसको लेकर अभिभावकों के लिए लगातार चिंता बनी हुई है.
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