ETV Bharat / state

Delhi NCR Air Pollution: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण स्तर में गिरावट, 300 के नीचे आया AQI

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण स्तर बेहद ही खराब स्थिति में है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का AQI 266 है जो कि 'अत्यंत खराब' श्रेणी में है. वहीं गाजियाबाद का AQI 211, ग्रेटर नोएडा का AQI 226 और नोएडा का AQI 217 है जो कि 'खराब' श्रेणी में है.

author img

By

Published : Nov 16, 2022, 11:58 AM IST

Delhi NCR Air Pollution
Delhi NCR Air Pollution

नई दिल्ली/गाजियाबाद: बुधवार को दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण स्तर में गिरावट देखने को मिली है. एनसीआर के दर्जनभर से अधिक इलाकों के प्रदूषण स्तर में बुधवार को Air Quality Index में गिरावट देखने को मिली है. दिल्ली के 37 इलाकों में से तीन को छोड़कर किसी भी इलाके का प्रदूषण स्तर सुबह 9:00 बजे Red Zone में दर्ज नहीं किया गया है, जो एक अच्छा संकेत है. माना जा रहा है कि हवा की रफ्तार बढ़ने से प्रदूषण आसानी से छंट रहा है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 266, गाज़ियाबाद का 211, नोएडा का 217 और ग्रेटर नोएडा का 226 AQI दर्ज किया गया है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी (Delhi NCR pollution level in poor category) में है, जबकि 100 से नीचे AQI को संतोषजनक और 50 से नीचे अच्छी श्रेणी में माना जाता है.

Delhi NCR Air Pollution
दिल्ली के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर
Delhi NCR Air Pollution
दिल्ली के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर

एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर-

एनसीआर के इलाकेप्रदूषण स्तर
लोनी, गाज़ियाबाद213
इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद176
संजय नगर, गाजियाबाद208
वसुंधरा, गाजियाबाद263
सेक्टर 62, नोएडा264
सेक्टर 116, नोएडा217
सेक्टर 125, नोएडा205
सेक्टर 1, नोएडा191

Air quality Index की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ. त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है, जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

प्रदूषण बढ़ने पर बरते ये सावधानियां बरतें: बाहर निकलने से परहेज करें, सुबह और शाम लोग टहलने जाते हैं. खासकर बुजुर्ग और बच्चे शाम के वक्त पार्कों में दिखाई देते हैं. प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और बच्चों को होता है. जब प्रदूषण का स्तर सामान्य से काफी अधिक हो तो घर के बाहर जाने से बचें. खासकर वह लोग जिन की प्रतिरोधक क्षमता कम है. बच्चों और बुजुगों को भी बाहर जाने से परहेज करना चाहिए. एक्सरसाइज आदि भी घर के अंदर करें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

नई दिल्ली/गाजियाबाद: बुधवार को दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण स्तर में गिरावट देखने को मिली है. एनसीआर के दर्जनभर से अधिक इलाकों के प्रदूषण स्तर में बुधवार को Air Quality Index में गिरावट देखने को मिली है. दिल्ली के 37 इलाकों में से तीन को छोड़कर किसी भी इलाके का प्रदूषण स्तर सुबह 9:00 बजे Red Zone में दर्ज नहीं किया गया है, जो एक अच्छा संकेत है. माना जा रहा है कि हवा की रफ्तार बढ़ने से प्रदूषण आसानी से छंट रहा है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 266, गाज़ियाबाद का 211, नोएडा का 217 और ग्रेटर नोएडा का 226 AQI दर्ज किया गया है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी (Delhi NCR pollution level in poor category) में है, जबकि 100 से नीचे AQI को संतोषजनक और 50 से नीचे अच्छी श्रेणी में माना जाता है.

Delhi NCR Air Pollution
दिल्ली के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर
Delhi NCR Air Pollution
दिल्ली के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर

एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर-

एनसीआर के इलाकेप्रदूषण स्तर
लोनी, गाज़ियाबाद213
इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद176
संजय नगर, गाजियाबाद208
वसुंधरा, गाजियाबाद263
सेक्टर 62, नोएडा264
सेक्टर 116, नोएडा217
सेक्टर 125, नोएडा205
सेक्टर 1, नोएडा191

Air quality Index की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ. त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है, जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

प्रदूषण बढ़ने पर बरते ये सावधानियां बरतें: बाहर निकलने से परहेज करें, सुबह और शाम लोग टहलने जाते हैं. खासकर बुजुर्ग और बच्चे शाम के वक्त पार्कों में दिखाई देते हैं. प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और बच्चों को होता है. जब प्रदूषण का स्तर सामान्य से काफी अधिक हो तो घर के बाहर जाने से बचें. खासकर वह लोग जिन की प्रतिरोधक क्षमता कम है. बच्चों और बुजुगों को भी बाहर जाने से परहेज करना चाहिए. एक्सरसाइज आदि भी घर के अंदर करें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.