नई दिल्ली: कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए अंतिम निर्णय दिल्ली सरकार नहीं उपराज्यपाल लेंगे. गृह मंत्रालय ने महामारी की रोकथाम के लिए जो नियम बनाए हैं. उसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को दी गई है. मगर देश की राजधानी होने से दिल्ली में ये विशेषाधिकार उपराज्यपाल के अधीन है.
इसी के चलते दिल्ली सरकार की ओर से होटल व साप्ताहिक बाजार लगाने के फैसले को उपराज्यपाल ने खारिज कर दिया. दिल्ली सरकार की दलील को मंत्रालय ने भी दरकिनार कर दिया है.
सरकार के इस फैसले को उपराज्यपाल ने पलटा
दरअसल तीन दिनों पहले शुक्रवार को दिल्ली सरकार ने अनलॉक 3 जो कि एक अगस्त से लागू हुआ है. इसमें दिल्ली के तमाम होटल और रिहायशी इलाकों में लगने वाले साप्ताहिक बाजार को लगाने की छूट देने का फैसला लिया. मगर इससे संक्रमण का खतरा बढ़ने के आसार देखते हुए उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के दोनों ही फैसले को खारिज कर दिया. अपने आदेश में उपराज्यपाल ने कहा कि फिलहाल होटलों को खोलने की छूट नहीं दी जा सकती है.
सरकार का फैसला मनवाने के लिए सिसोदिया ने लिखी थी चिठ्ठी
वहीं शनिवार की शाम दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल के इस फैसले को गलत बताते हुए गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा. उनसे मांग की कि वे उपराज्यपाल को निर्देश दें कि दिल्ली के तमाम होटल, साप्ताहिक बाजार को लगाने संबंधी सरकार के फैसले को लागू होने दें.
मगर सूत्रों की मानें तो गृह मंत्रालय इस संबंध में उपराज्यपाल को अधिक अंतिम निर्णय लेने की छूट दे रखी है. ये उनके अधिकार क्षेत्र में आता है कि वे सरकार के किस फैसले को लागू होने दें और किसे नहीं. कोरोना वायरस का संक्रमण महामारी काल में रोकना सबसे अहम है. इसमें किसी भी तरह के कोई ढील देने या नहीं देने का फैसला लेने का अधिकार उपराज्यपाल को है.
बता दें कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार से अधिक पावर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को मंत्रालय से मिली हुई है. दिल्ली में इसके सर्वेसर्वा उपराज्यपाल हैं और जिस तरह अनलॉक 3 में दिल्ली सरकार ढील देना चाहती है, इस पर अंतिम निर्णय अब उपराज्यपाल का ही होगा यह तय हो गया है.