ETV Bharat / state

Adipurush Controversy: 'आदिपुरुष' के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट 30 जून को करेगा सुनवाई

फिल्म 'आदिपुरुष' का विवाद अब कोर्ट पहुंच चुका है. हिंदू सेना की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि ओम राउत द्वारा निर्देशत फिल्म ने हिंदू भावनाओं को आहत किया है क्योंकि इसमें धार्मिक पात्रों का गलत और अनुचित तरीके से चित्रित किया गया है.

author img

By

Published : Jun 21, 2023, 11:39 AM IST

Etv Bharat
Etv Bharat

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट 30 जून को दक्षिणपंथी संगठन हिंदू सेना द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें बॉलीवुड फिल्म 'आदिपुरुष' के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. 17 जून को दायर याचिका में हिंदू सेना की ओर से कहा गया था कि फिल्म में धार्मिक पात्रों और आंकड़ों को गलत तरीके से चित्रित किया गया है. याचिका पर विचार करते हुए कोर्ट ने इसे 30 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.

बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा दायर रिट याचिका में प्रतिवादियों को हटाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है. फीचर फिल्म से आपत्तिजनक दृश्य, उत्तरदाताओं को परमादेश के अलावा, सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए आदिपुरुष को प्रमाणित नहीं करने का निर्देश भी देने की मांग की गई है. जनहित याचिका में आगे आरोप लगाया गया है कि ओम राउत द्वारा निर्देशित फिल्म ने हिंदू समुदाय की भावनाओं को 'आहत' किया है क्योंकि इसमें धार्मिक पात्रों को गलत और अनुचित तरीके से चित्रित किया गया है. यह रामायण में महर्षि वाल्मीकि और संत तुलसीदास जैसे महान लेखकों द्वारा वर्णित हिंदू धार्मिक वर्णन के विपरीत है.

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उन्होंने चार अक्टूबर, 2022 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव को भी एक ज्ञापन दिया था. हालांकि, मंत्रालय जवाब देने में विफल रहा. विष्णु गुप्ता ने जनहित याचिका में तर्क दिया गया है कि चित्रण फिल्म में अभिनेता सैफ अली खान और भगवान हनुमान द्वारा निभाए गए रावण जैसे धार्मिक पात्रों के सभी पात्र भारतीय सभ्यता से पूरी तरह से अलग हैं.

इसने कहा कि फिल्म में रावण के चरित्र का दाढ़ी वाला रूप हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत कर रहा था क्योंकि हिंदू ब्राह्मण रावण को गलत तरीके से एक भयानक चेहरा बनाते हुए दिखाया गया है, जो हिंदू सभ्यता, हिंदू धार्मिक शख्सियतों, मूर्तियों का घोर अपमान है. यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक अधिकारों का सरासर उल्लंघन है. हिंदू सेना प्रमुख ने प्रस्तुत किया कि उन्होंने सामान्य रूप से जनता के 'लाभ' के लिए जनहित याचिका दायर की थी, जो स्वयं अदालत तक पहुंचने में असमर्थ हो सकते हैं क्योंकि वे वित्तीय और कानूनी रूप से पूरी तरह से सक्षम नहीं हैं.

ये भी पढे़ंः Adipurush Collection Day 5 : विरोध के बीच 'आदिपुरुष' का बॉक्स ऑफिस पर संघर्ष जारी, पांचवें दिन हुई मुठ्ठीभर कमाई

याचिका में उत्तरदाताओं में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष, तमिलनाडु के गृह सचिव, आदिपुरुष के निर्देशक ओम राउत और निर्माता और टी सीरीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भूषण कुमार और केंद्र सरकार शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंः Adipurush : 'पुरुष हूं मैं, नहीं ये बात भूलो.. कुचल दूंगा', 'आदिपुरुष' के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर ने अपने अंदाज में दी 'धमकी'?

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट 30 जून को दक्षिणपंथी संगठन हिंदू सेना द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें बॉलीवुड फिल्म 'आदिपुरुष' के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. 17 जून को दायर याचिका में हिंदू सेना की ओर से कहा गया था कि फिल्म में धार्मिक पात्रों और आंकड़ों को गलत तरीके से चित्रित किया गया है. याचिका पर विचार करते हुए कोर्ट ने इसे 30 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.

बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा दायर रिट याचिका में प्रतिवादियों को हटाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है. फीचर फिल्म से आपत्तिजनक दृश्य, उत्तरदाताओं को परमादेश के अलावा, सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए आदिपुरुष को प्रमाणित नहीं करने का निर्देश भी देने की मांग की गई है. जनहित याचिका में आगे आरोप लगाया गया है कि ओम राउत द्वारा निर्देशित फिल्म ने हिंदू समुदाय की भावनाओं को 'आहत' किया है क्योंकि इसमें धार्मिक पात्रों को गलत और अनुचित तरीके से चित्रित किया गया है. यह रामायण में महर्षि वाल्मीकि और संत तुलसीदास जैसे महान लेखकों द्वारा वर्णित हिंदू धार्मिक वर्णन के विपरीत है.

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उन्होंने चार अक्टूबर, 2022 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव को भी एक ज्ञापन दिया था. हालांकि, मंत्रालय जवाब देने में विफल रहा. विष्णु गुप्ता ने जनहित याचिका में तर्क दिया गया है कि चित्रण फिल्म में अभिनेता सैफ अली खान और भगवान हनुमान द्वारा निभाए गए रावण जैसे धार्मिक पात्रों के सभी पात्र भारतीय सभ्यता से पूरी तरह से अलग हैं.

इसने कहा कि फिल्म में रावण के चरित्र का दाढ़ी वाला रूप हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत कर रहा था क्योंकि हिंदू ब्राह्मण रावण को गलत तरीके से एक भयानक चेहरा बनाते हुए दिखाया गया है, जो हिंदू सभ्यता, हिंदू धार्मिक शख्सियतों, मूर्तियों का घोर अपमान है. यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक अधिकारों का सरासर उल्लंघन है. हिंदू सेना प्रमुख ने प्रस्तुत किया कि उन्होंने सामान्य रूप से जनता के 'लाभ' के लिए जनहित याचिका दायर की थी, जो स्वयं अदालत तक पहुंचने में असमर्थ हो सकते हैं क्योंकि वे वित्तीय और कानूनी रूप से पूरी तरह से सक्षम नहीं हैं.

ये भी पढे़ंः Adipurush Collection Day 5 : विरोध के बीच 'आदिपुरुष' का बॉक्स ऑफिस पर संघर्ष जारी, पांचवें दिन हुई मुठ्ठीभर कमाई

याचिका में उत्तरदाताओं में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष, तमिलनाडु के गृह सचिव, आदिपुरुष के निर्देशक ओम राउत और निर्माता और टी सीरीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भूषण कुमार और केंद्र सरकार शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंः Adipurush : 'पुरुष हूं मैं, नहीं ये बात भूलो.. कुचल दूंगा', 'आदिपुरुष' के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर ने अपने अंदाज में दी 'धमकी'?

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.