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फेसबुक-इंस्टाग्राम से फोटो लेकर बिना अनुमति पोर्न साइट्स पर डालना अपराधः दिल्ली हाईकोर्ट - पोर्न साइट साइबर क्राइम

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम से किसी का फोटो लेकर बिना उसकी सहमति के पोर्न वेबसाइट पर डालना इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 67 के तहत अपराध है.

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दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Apr 21, 2021, 3:11 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम से किसी का फोटो लेकर बिना उसकी सहमति के पोर्न वेबसाइट पर डालना इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 67 के तहत अपराध है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने कहा कि भले ही वो फोटो आपत्तिजनक नहीं हो, लेकिन वो पोर्न वेबसाइट पर डालना उसकी निजता के अधिकार का उल्लंघन है.

हाईकोर्ट ने इस मामले में कोर्ट की मदद करने के लिए वकील पवन दुग्गल को एमिकस क्युरी नियुक्त किया था. हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों में दिशानिर्देश जारी करते हुए याचिकाकर्ता महिला को निर्देश दिया कि वो इस संबंध में अपनी लिखित शिकायत जांच अधिकारी को दें. उस शिकायत के साथ संबंधित फोटो, वेबसाइट का लिंक और कोर्ट के आदेश की कॉपी भी जांच अधिकारी को सौंपे. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम विभाग को निर्देश दिया कि वो ऐसी सभी फोटो और वेबलिंक को 24 घंटे के अंदर हटाएं जो याचिकाकर्ता ने बताए हों.

सर्च इंजन को आपत्तिजनक कंटेंट हटाने का आदेश

कोर्ट ने गूगल सर्च, याहू सर्च, माइक्रोसॉफ्ट बिंग और डकडकगो को निर्देश दिया कि वे अपने सर्च रिजल्ट से ऐसे फोटो और वेबलिंक के सभी उलपब्ध पेज हटाएं. कोर्ट ने गूगल सर्च, याहू सर्च, माईक्रोसॉफ्ट बिंग और डकडकगो को निर्देश दिया कि वो इस कंटेंटे से मिले जुले दूसरे कंटेंट को भी हटाएं. कोर्ट ने जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वे दूसरी इंटरनेट कंपनियों को वह वेबलिंक और फोटो उपलब्ध कराएं और उन्हें भी कोर्ट के आदेश की कॉपी उपलब्ध कराएं ताकि वो अपने यहां से आपत्तिजनक फोटो हटा सकें.

दिल्ली पुलिस मामले की जांच करे

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो संबंधित पोर्न वेबसाईट, गूगल, याहू, माईक्रोसॉफ्ट बिंग और डकडकगो से वो सभी सूचनाएं हासिल करें जो जांच के लिए जरूरी हों. कोर्ट ने उन वेबसाइट, आनलाइन प्लेटफॉर्म और सर्च इंजन को निर्देश दिया कि अगर उन्हें कोर्ट के आदेश में कोई स्पष्टीकरण चाहिए तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि उसके आदेश का पालन नहीं करने वालों पर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 79(1) और नियम 7 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

महिला ने पुलिस से भी शिकायत की थी

दरअसल द्वारका की एक महिला ने शिकायत की थी कि उसके फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट से फोटो लेकर बिना उसकी अनुमति के एक पोर्न वेबसाइट पर डाल दिया था. महिला ने कहा कि उसने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर जरूरी प्राइवेसी सेटिंग कर रखी थी, उसके बावजूद उसके अकाउंट से फोटो लेकर पोर्न वेबसाइट पर डाला गया. इसकी शिकायत उसने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के अलावा स्थानीय पुलिस से भी की थी. लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला. उसके बाद महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम से किसी का फोटो लेकर बिना उसकी सहमति के पोर्न वेबसाइट पर डालना इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 67 के तहत अपराध है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने कहा कि भले ही वो फोटो आपत्तिजनक नहीं हो, लेकिन वो पोर्न वेबसाइट पर डालना उसकी निजता के अधिकार का उल्लंघन है.

हाईकोर्ट ने इस मामले में कोर्ट की मदद करने के लिए वकील पवन दुग्गल को एमिकस क्युरी नियुक्त किया था. हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों में दिशानिर्देश जारी करते हुए याचिकाकर्ता महिला को निर्देश दिया कि वो इस संबंध में अपनी लिखित शिकायत जांच अधिकारी को दें. उस शिकायत के साथ संबंधित फोटो, वेबसाइट का लिंक और कोर्ट के आदेश की कॉपी भी जांच अधिकारी को सौंपे. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम विभाग को निर्देश दिया कि वो ऐसी सभी फोटो और वेबलिंक को 24 घंटे के अंदर हटाएं जो याचिकाकर्ता ने बताए हों.

सर्च इंजन को आपत्तिजनक कंटेंट हटाने का आदेश

कोर्ट ने गूगल सर्च, याहू सर्च, माइक्रोसॉफ्ट बिंग और डकडकगो को निर्देश दिया कि वे अपने सर्च रिजल्ट से ऐसे फोटो और वेबलिंक के सभी उलपब्ध पेज हटाएं. कोर्ट ने गूगल सर्च, याहू सर्च, माईक्रोसॉफ्ट बिंग और डकडकगो को निर्देश दिया कि वो इस कंटेंटे से मिले जुले दूसरे कंटेंट को भी हटाएं. कोर्ट ने जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वे दूसरी इंटरनेट कंपनियों को वह वेबलिंक और फोटो उपलब्ध कराएं और उन्हें भी कोर्ट के आदेश की कॉपी उपलब्ध कराएं ताकि वो अपने यहां से आपत्तिजनक फोटो हटा सकें.

दिल्ली पुलिस मामले की जांच करे

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो संबंधित पोर्न वेबसाईट, गूगल, याहू, माईक्रोसॉफ्ट बिंग और डकडकगो से वो सभी सूचनाएं हासिल करें जो जांच के लिए जरूरी हों. कोर्ट ने उन वेबसाइट, आनलाइन प्लेटफॉर्म और सर्च इंजन को निर्देश दिया कि अगर उन्हें कोर्ट के आदेश में कोई स्पष्टीकरण चाहिए तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि उसके आदेश का पालन नहीं करने वालों पर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 79(1) और नियम 7 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

महिला ने पुलिस से भी शिकायत की थी

दरअसल द्वारका की एक महिला ने शिकायत की थी कि उसके फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट से फोटो लेकर बिना उसकी अनुमति के एक पोर्न वेबसाइट पर डाल दिया था. महिला ने कहा कि उसने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर जरूरी प्राइवेसी सेटिंग कर रखी थी, उसके बावजूद उसके अकाउंट से फोटो लेकर पोर्न वेबसाइट पर डाला गया. इसकी शिकायत उसने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के अलावा स्थानीय पुलिस से भी की थी. लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला. उसके बाद महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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