नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय से स्पाइसजेट एयरलाइंस को तगड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने स्पाइसजेट एयरलाइंस को आदेश दिया है कि वो तीन जनवरी 2024 तक दो इंजन कंपनियों का बकाया तीन करोड़ 70 लाख रुपए चुकाएं. यह आदेश जस्टिस रेखा पल्ली ने दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी 2024 को होगी. हाईकोर्ट ने बकाये की ये रकम 21 दिसंबर से 3 जनवरी 2024 तक किश्तों में देने का निर्देश दिया. साथ ही यह भी निर्देश दिया कि वो बकाये की इस रकम को चुकाने की योजना बताते हुए हलफनामा दाखिल करें.
दरअसल स्पाइसजेट ने दो इंजन कंपनियों से इंजन लीज पर लिया था, जिनके नाम टीम फ्रांस 01 एसएस और सनबर्ड फ्रांस 02 एसएस हैं. इन दोनों इंजन कंपनियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि स्पाइस जेट ने उन्हें पिछले दो सालों से एक करोड़ 29 लाख डॉलर का भुगतान नहीं किया है. इसके अलावा लीज की अवधि समाप्त होने के बावजूद स्पाइस जेट इन कंपनियों के तीन इंजनों का इस्तेमाल कर रहा है. कंपनियों ने हाईकोर्ट से इन इंजनों का इस्तेमाल रोकने का दिशानिर्देश जारी करने की भी मांग की थी.
सुनवाई के दौरान स्पाइसजेट एयरलाइंस की ओर से पेश वकील संदीप सेठी ने कहा कि एयरलाइंस को जनवरी के मध्य तक फंड उपलब्ध होने की संभावना है, जिसके बाद वह इंजन कंपनियों का भुगतान करने में सक्षम होगी. उन्होंने कहा कि स्पाइसजेट एयरलाइंस दिसंबर के अंत तक दो लाख डॉलर का भुगतान कर सकती है. इसपर इंजन कंपनियों की ओर से पेश वकील आनंद वेंकटरमणी ने कहा कि स्पाइसजेट जितने पैसे देने का ऑफर दे रही है, वो बकाये का दस फीसदी भी नहीं है. उन्होंने कहा कि स्पाइसजेट ने सभी इंजन वापस कर दिए थे, लेकिन इन तीन इंजनों का इस्तेमाल अभी भी कर रहे हैं. बता दें कि हाईकोर्ट का ये फैसला ऐसे समय आया है, जब स्पाइस जेट ने गो फर्स्ट का अधिग्रहण करने में रुचि दिखाई है. गौरतलब है कि गो फर्स्ट की उड़ानें मई 2023 से बंद हैं.
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