नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में कोयला खनन घोटाले से जुड़े एक मामले में आरोपी गुरुपद माजी की स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश (Constitute of medical board for health checkup of Gurupad Maji) दिया. कोर्ट माजी के अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था. न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत मांगने की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए.
न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने सफदरजंग अस्पताल को तिहाड़ जेल अधिकारियों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट की जांच के बाद एक सप्ताह के भीतर बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया है. माजी के वकील ने कहा कि वह मधुमेह और मलाशय से रक्तस्राव से पीड़ित थे. अदालत ने कहा, “पक्षों की सहमति से, यह निर्देश दिया जाता है कि उचित बीमारी और आवश्यक इलाज के लिए याचिकाकर्ता की चिकित्सा स्थिति की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए. सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को चिकित्सा रिपोर्ट (तिहाड़ जेल अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई) को देखने के बाद एक उपयुक्त मेडिकल बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया गया है, जबकि मामले में आरोपी की जमानत अर्जी पहले ही विचार के लिए सूचीबद्ध की जा चुकी है. अदालत ने मामले को 13 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया.
मई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माजी को गिरफ्तार किया था. ईडी ने दावा किया कि माजी इस मामले के मुख्य आरोपी अनूप माजी के साथी हैं और उन्होंने अनूप माजी उर्फ लाला और उनके सहयोगियों से अवैध कोयला खनन व्यवसाय से उत्पन्न अपराध की आय से 66 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए. सितंबर में एक ट्रायल कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार यह कहते हुए किया था कि यह विश्वास करने के लिए उचित आधार नहीं मिला कि आरोपी अपराध के आरोप में निर्दोष था.
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ईडी ने इस मामले में पिछले साल मई में चार्जशीट दायर की थी. इस मामले में टीएमसी सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से ईडी ने मामले में पूछताछ की थी और यहां तक कि उनकी पत्नी रुजिरा को भी तलब किया गया था.