नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वह अपने संशोधित अनुमान के मुताबिक तीनों नगर निगमों की बकाया राशि 31 मार्च तक जारी करे. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था दिल्ली सरकार जो राशि जारी करेगी, उससे नगर निगम कर्मचारियों को वेतन और पेंशन दें. मामले की अगली सुनवाई 5 अप्रैल को होगी.
बीटीए के तौर पर निगमों को देने हैं पैसे
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से अपने संशोधित अनुमान के तहत 2020-21 के लिए पूर्वी उत्तरी और दक्षिणी नगर निगम को ''बेसिक टैक्स एसाइनमेंट (बीटीए) न देने का कोई औचित्य नहीं है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली सरकार के संशोधित अनुमान के तहत बीटीए के तौर पर वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 864 करोड़ 80 लाख रुपये, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को 405 करोड़ 20 लाख रुपये और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को 764 करोड़ 80 रुपये दिए जाने हैं.
इस पर कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार बीटीए का भुगतान करना अगले वित्तीय वर्ष के लिए टाल नहीं सकती क्योंकि नगर निगमों को वेतन देना है और उन पर दूसरे वित्तीय बोझ भी हैं.
हड़ताल पर थे डॉक्टर और सफाईकर्मी
बता दें कि वेतन की मांग को लेकर 2020 से कस्तूरबा गांधी अस्पताल के कर्मचारियों ने इस्तीफे की धमकी दी थी. पिछले हफ्ते भी अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर थे. इसके अलावा नगर निगमों के सफाई कर्मचारी और शिक्षकों ने भी हड़ताल की थी.