नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फोन टैपिंग मामले (NSE phone tapping case) में आरोपी और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर संजय पांडे को जमानत दे दी है. संजय पांडे ने राऊज एवेन्यू कोर्ट स्थित विशेष न्यायालय से जमानत याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. संजय पांडे की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की बेंच ने याचिका स्वीकार करने का आदेश दिया था.
इससे पहले 4 अगस्त को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने संजय पांडे की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. मामले में ईडी ने संजय पांडे और रवि नारायण के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया था, जिसकी सीबीआई भी जांच कर रही है. सीबीआई ने जांच के दौरान संजय पांडे से जुड़ी एक फर्म आईसेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के परिसर से कुछ बिल की रसीदें, रिकार्डिंग के नमूने, रिकार्डिंग के मूल टेप और सर्वर के साथ-साथ दो लैपटॉप बरामद किए थे. पांडे पर आरोप है कि उन्होंने 4 करोड़ 54 लाख रुपये लेकर चित्रा रामकृष्णा की मदद करने के लिए एमटीएनएल की फोन लाइन टैप की थी.
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क्या है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज घोटाला: ईडी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और उनके सहयोगी आनंद को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को एनएससी घोटाले में गिरफ्तार किया था. प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि चित्रा ने कई गोपनीय जानकारियां स्टॉक ब्रोकर्स को देकर करोड़ों रुपए का घोटाला किया. इस दौरान उन्होंने स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों के फोन भी टैप करवाए, जिसमें मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे की सहमति भी शामिल थी. आरोप है कि पांडे ने करीब 4 करोड़ रुपए घूस के तौर पर लिए थे.
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