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पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पैरोल 12 अप्रैल तक बढ़ी - Sentenced to 10 years in JBT recruitment scam

दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पैरोल 12 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है.

चौटाला
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Published : Mar 8, 2021, 8:00 PM IST

Updated : Mar 8, 2021, 8:21 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पैरोल 12 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच चौटाला की जल्द रिहाई की मांग पर 12 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया.


सिंगल बेंच ने डिवीजन बेंच को किया था रेफर
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस मामले से संबंधित रिकॉर्ड दाखिल करने का निर्देश दिया. पिछले 23 फरवरी को कोर्ट ने चौटाला की पैरोल 9 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया था. 20 फरवरी को जस्टिस योगेश खन्ना की सिंगल बेंच ने इस याचिका को डिवीजन बेंच में ट्रांसफर कर दिया था. कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला की पेरोल 21 फरवरी से बढ़ाकर 23 फरवरी कर दिया था. 18 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह ओमप्रकाश चौटाला की अर्जी पर नए सिरे से विचार करे. 2019 में हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के पहले के उस आदेश को निरस्त कर दिया था, जिसमें उसने चौटाला की समय पूर्व रिहाई की मांग को खारिज कर दिया था.


चौटाला ने दिया है खराब सेहत का हवाला
चौटाला ने उम्र और खराब सेहत का हवाला देकर समय से पहले रिहाई की गुहार लगाई है. चौटाला ने केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन का हवाला दिया है, जिसमें 60 वर्ष के ऊपर के पुरुष कैदियों की रिहाई की बात कही गई है. चौटाला की ओर से कहा गया है कि केंद्र सरकार के विशेष माफी संबंधी नोटिफिकेशन के तहत 60 साल के ऊपर के पुरुष कैदियों, 55 साल के ऊपर की महिला और ट्रांसजेंडर कैदियों की रिहाई की बात कही गई है, जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है. इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 70 फीसदी से ज्यादा उन दिव्यांगों की भी रिहाई की जा सकती है, जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है.

ये भी पढ़ें- देश से तीन गुनी है दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय, 25 मुख्य बिंदुओं में पढ़ें आर्थिक सर्वेक्षण

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नोटिफिकेशन के मुताबिक, रिहाई के हकदार
चौटाला की ओर से वकील अमित साहनी ने कहा था कि चौटाला को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत 10 साल की सजा मिली. उन्होंने कहा कि चौटाला की उम्र 83 वर्ष हो चुकी है और वे अप्रैल 2013 तक 60 फीसदी स्थायी दिव्यांग थे. उसके बाद जून 2013 में उन्हें पेसमेकर लगाया गया, जिसके बाद वे 70 फीसदी दिव्यांगता के शिकार हो गए. इसलिए नोटिफिकेशन के मुताबिक, वे दो वर्गों में रिहाई के हकदार हैं.


जेबीटी भर्ती घोटाले में मिली 10 साल की सजा
चौटाला जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स की भर्ती के घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद 10 साल की कैद की सजा काट रहे हैं. उनके साथ ही उनके पुत्र अजय चौटाला और तीन अन्य दोषी भी 10 साल कैद की सजा काट रहे हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पैरोल 12 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच चौटाला की जल्द रिहाई की मांग पर 12 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया.


सिंगल बेंच ने डिवीजन बेंच को किया था रेफर
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस मामले से संबंधित रिकॉर्ड दाखिल करने का निर्देश दिया. पिछले 23 फरवरी को कोर्ट ने चौटाला की पैरोल 9 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया था. 20 फरवरी को जस्टिस योगेश खन्ना की सिंगल बेंच ने इस याचिका को डिवीजन बेंच में ट्रांसफर कर दिया था. कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला की पेरोल 21 फरवरी से बढ़ाकर 23 फरवरी कर दिया था. 18 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह ओमप्रकाश चौटाला की अर्जी पर नए सिरे से विचार करे. 2019 में हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के पहले के उस आदेश को निरस्त कर दिया था, जिसमें उसने चौटाला की समय पूर्व रिहाई की मांग को खारिज कर दिया था.


चौटाला ने दिया है खराब सेहत का हवाला
चौटाला ने उम्र और खराब सेहत का हवाला देकर समय से पहले रिहाई की गुहार लगाई है. चौटाला ने केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन का हवाला दिया है, जिसमें 60 वर्ष के ऊपर के पुरुष कैदियों की रिहाई की बात कही गई है. चौटाला की ओर से कहा गया है कि केंद्र सरकार के विशेष माफी संबंधी नोटिफिकेशन के तहत 60 साल के ऊपर के पुरुष कैदियों, 55 साल के ऊपर की महिला और ट्रांसजेंडर कैदियों की रिहाई की बात कही गई है, जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है. इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 70 फीसदी से ज्यादा उन दिव्यांगों की भी रिहाई की जा सकती है, जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है.

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नोटिफिकेशन के मुताबिक, रिहाई के हकदार
चौटाला की ओर से वकील अमित साहनी ने कहा था कि चौटाला को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत 10 साल की सजा मिली. उन्होंने कहा कि चौटाला की उम्र 83 वर्ष हो चुकी है और वे अप्रैल 2013 तक 60 फीसदी स्थायी दिव्यांग थे. उसके बाद जून 2013 में उन्हें पेसमेकर लगाया गया, जिसके बाद वे 70 फीसदी दिव्यांगता के शिकार हो गए. इसलिए नोटिफिकेशन के मुताबिक, वे दो वर्गों में रिहाई के हकदार हैं.


जेबीटी भर्ती घोटाले में मिली 10 साल की सजा
चौटाला जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स की भर्ती के घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद 10 साल की कैद की सजा काट रहे हैं. उनके साथ ही उनके पुत्र अजय चौटाला और तीन अन्य दोषी भी 10 साल कैद की सजा काट रहे हैं.

Last Updated : Mar 8, 2021, 8:21 PM IST
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