कोर्ट ने हरियाणा के हलफनामे पर दिल्ली जल बोर्ड को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी. हरियाणा सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि डीडी-8 कैनाल में जो बाधाएं लगाई गई हैं, वे ये सुनिश्चित करने के लिए लगाई गई हैं कि हरियाणा से जाने वाले पानी का प्रदूषण यमुना में न पहुंचे.
एक हजार मिलियन गैलन पानी प्रतिदिन
हरियाणा सरकार ने दिल्ली सरकार के उन आरोपों से इनकार किया जिसमें कहा गया है कि बाधाओं की वजह से यमुना में प्रदूषित पानी आ रहा है. हरियाणा सरकार ने कहा है कि दिल्ली में एक हजार मिलीयन गैलन प्रतिदिन पानी की जरुरत है. इसमें से 500 मिलियन गैलन अच्छी गुणवत्ता वाला पानी हरियाणा नहरों के जरिए देता है और 440 मिलियन गैलन पानी गंगा और ट्यूबवेल से मिलता है.
60 मिलीयन गैलन पानी सीधे यमुना से
केवल 60 मिलियन गैलन पानी सीधे यमुना से आता है. यमुना से आनेवाले पानी में अमोनिया की मात्रा ज्यादा होती है. हरियाणा ने अपने हलफनामे में कहा है कि यमुना में प्रदूषण की सबसे ज्यादा मात्रा दिल्ली से ही आती है. हरियाणा के इस हलफनामे पर दिल्ली जल बोर्ड के वकील दायन कृष्णन और सुमित पुष्करणा ने जवाब देने के लिए समय की मांग की जिसके बाद कोर्ट ने 13 मार्च तक जवाब देने का निर्देश दिया.
हाई लेवल कमेटी का गठन
पिछले 29 जनवरी को दिल्ली का पानी रोकने पर हरियाणा को दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि आप बताएं कि आखिर 30 फीसदी पानी की कटौती क्यों की जा रही है. कोर्ट ने हरियाणा को चेतावनी दी थी कि अगर आगे भी ये सब किया तो हम जांच के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन करेंगे.
हरियाणा ने ब्लॉक किया पानी का चैनल
दिल्ली जल बोर्ड की ओर से वकील दायन कृष्णन और सुमित पुष्कर्णा ने कहा था कि जिस चैनल के जरिए यमुना में पानी आता है उसे हरियाणा ने ब्लॉक कर दिया है, जिससे वजीराबाद रिजरवायर में अमोनिया का स्तर 2.2 पीपीएम तक पहुंच गया है. दिल्ली के तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला में पानी का उत्पादन 30 से 40 पर्सेंट तक कम हो गया है. दूसरे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पर भी दबाव बढ़ रहा है.
दिल्ली के कई इलाके हो सकते हैं प्रभावित
दिल्ली जल बोर्ड ने याचिका में कहा है कि डीडी-8 चैनल, दिल्ली सब ब्रांच कैनाल (डीएसबीसी) और मुनक नहर से यमुना में पानी डालता है, ताकि वजीराबाद रिजरवेयर में हमेशा पानी भरा रहे, लेकिन हरियाणा की ओर से बाधाएं खड़ी करने की वजह से यमुना में पानी की सप्लाई कम हो गई है और प्रदूषण बढ़ गयी है.
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया गया है, जिसके मुताबिक दिल्ली में पीने के पानी की जरूरतों के लिए वजीराबाद रिजवायर को हमेशा भरा रखना है. याचिका में कहा गया है कि अगर पानी के लिए तत्काल दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया तो लुटियंस जोन समेत सेंट्रल दिल्ली के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति पर असर पड़ेगा.