नई दिल्ली: दिल्ली में जारी ऑक्सीजन संकट पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उसके खिलाफ क्यों न अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए. कोर्ट ने आदेश के बावजूद दिल्ली को उसकी जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन दिलवाने में नाकाम रहने के लिए यह नोटिस जारी किया है.
केंद्र के दो अधिकारियों को तलब किया
कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिकारियों पीयुष गोयल और सुमिता डावरा को सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान जब केंद्र सरकार की ओर से वकील ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश नहीं दिया है कि दिल्ली को सात सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई किया जाए. इस पर हाईकोर्ट ने असहमति जताई.
सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को सप्लाई का भरोसा दिया
हाईकोर्ट ने दिल्ली को आनेवाले दिनों में ऑक्सीजन की जरूरत पर गौर किया. कोर्ट ने पाया कि दिल्ली को अनुमानित ऑक्सीजन की जरूरत 976 मीट्रिक टन होगी. हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली की मांग सात सौ मीट्रिक टन तक बढ़ सकती है. हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के उस आश्वासन को नोट किया है जिसमें उन्होंने दिल्ली की जरूरतों को पूरा करने का भरोसा दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार अपने आश्वासन को पूरा करने में नाकाम रही है.
केंद्र की दलीलें खारिज
कोर्ट ने केंद्र सरकार की उन दलीलों को खारिज कर दिया जिसमें एएसजी चेतन शर्मा और ऐश्वर्या भाटी ने कहा था कि दिल्ली को केंद्र से सात सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन लेने का अधिकार है. हाईकोर्ट ने कहा कि हमें दुख होता है कि केंद्र सरकार का ऐसा रवैया है. कोर्ट ने कहा कि हम रोजाना देख रहे हैं कि अस्पताल और नर्सिंग होम को ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पतालों और नर्सिंग होम के पास ऑक्सीजन वाले बेड नहीं हैं.