नई दिल्ली: दिल्ली मेयर चुनाव को लेकर उधर बवाल मचा था और इधर, दिल्ली में नई हज कमेटी का गठन (Delhi Haj Committee approved) कर दिया गया. कमेटी में बीजेपी सांसद गौतम गंभीर, आम आदमी पार्टी के दो विधायक और कांग्रेस के एक पार्षद को जगह मिली है. शुक्रवार शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल के संस्तुति के बाद गठित कमेटी पर एतराज जताया है. उन्होंने कहा कि यह चुनी हुई सरकार की अनदेखी करना है. कमेटी का गठन करने से पहले सरकार से राय मशविरा जरूरी था.
दरअसल, तीन साल बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हज कमेटी का गठन किया है. इसमें बीजेपी सांसद गौतम गंभीर, आम आदमी पार्टी के दो विधायक हाजी यूनुस और अब्दुल रहमान को जगह दी गई है. इसके अलावा कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश भी इस कमेटी की सदस्य हैं. नाजिया दानिश जाकिर नगर वार्ड से कांग्रेस की पार्षद हैं और एमसीडी का यह वार्ड सेंट्रल जोन में आता है.
साथ ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की ओर से गुरुवार को ही घोषणा कर दी गई थी कि कांग्रेस के पार्षद मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव में भागीदारी नहीं करेंगे, जिससे अब आरोप लग रहे हैं कि सोची समझी चाल के तहत बीजेपी ने अपने लाभ के लिए कांग्रेस पार्षद को हज कमेटी में स्थान देने की सिफारिश की.
शुक्रवार सुबह सिविक सेंटर में पार्षदों की सदस्यता तथा मेयर चुनाव को लेकर जो हंगामा हुआ, इसके लिए भी आम आदमी पार्टी के पार्षदों में काफी रोष था कि बगैर सरकार की सहमति के इस कमेटी का गठन कर दिया गया है. आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया भी दी कि कांग्रेस ने शायद इसलिए मेयर चुनाव से बाहर रहने का फैसला लिया. क्योंकि कांग्रेस की पार्षद नाजिया दानिश को हज कमेटी में सदस्य दी गई है.
ये भी पढ़ेंः फ्लाइट में महिला पर पेशाब करनेवाले वाइस प्रेसिडेंट को अमेरिकी कंपनी ने पद से हटाया
कुल मिलाकर भाजपा जिस तरह से नगर निगम में वर्चस्व बनाए रखने के लिए रणनीति बनाई है, उसके तहत आने वाले दिनों में कुछ और बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल और केंद्र सरकार द्वारा नगर निगम अधिनियम में किए गए बदलाव भाजपा के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हो रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः एमसीडी में मारपीट, लात-घूंसे के बीच अनिश्चितकाल के लिए टला मेयर का चुनाव