दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि फायर विभाग से एनओसी लेने की प्रक्रिया है, वह वर्षों पुरानी हो चुकी है. इसमें समय के अनुसार कोई बदलाव नहीं किया गया है. आजकल जो भी व्यवसायिक परिसर, होटल, रेस्तरां बनाए जा रहे हैं उसमें वातानुकूलित करने के चक्कर में वेंटिलेशन का प्रावधान नहीं होता है. सजावट के लिए ऐसे चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जो अधिक ज्वलनशील होते हैं. अर्पित होटल में भी जो कॉमन एरिया था वहां पर कारपेट बिछी हुई थी, वुडन फ्लोरिंग, दीवारों पर भी लकड़ियों का अधिक इस्तेमाल किया गया था.
सरकार ने दिए बदलाव के आदेश
सत्येंद्र जैन ने कहा कि ऐसा होने से आगजनी की घटना में जानमाल की ज्यादा क्षति पहुंचती है. इसीलिए मौजूदा निर्माण कार्य को देखते हुए फायर रूल्स में बदलाव की जरूरत है. दिल्ली सरकार ने फायर विभाग को इसमें बदलाव के आदेश दे दिए हैं. जैसे ही विभाग यह बदलाव करता है, मीटिंग के बाद उसे स्वीकृति प्रदान कर दिया जाएगा और फिर नए नियम के अनुसार ही किसी नई इमारत को एनओसी प्रदान किया जाएगा.
17 पर्यटकों की हुई थी मौत
बता दें कि गत 12 फरवरी के तड़के करोल बाग के होटल में शॉर्ट सर्किट की वजह से ऐसी भयंकर आग लगी थी कि होटल में रह रहे 17 पर्यटकों की मौत हो गई और कई इसमें जख्मी हैं. जिनका अस्पतालों में उपचार चल रहा है. इस घटना के बाद दिल्ली सरकार ने जांच के आदेश दिए थे और आस-पास के होटलों की जांच में दौरान पाया गया कि अधिकांश होटलों के पास फायर एनओसी नहीं है. ऐसे होटलों को तुरंत सील करने का आदेश विभाग ने जारी कर दिया है. जिस पर अब नगर निगम को कार्रवाई करनी है.