नई दिल्ली: कोरोना काल में राजस्व की कमी से जूझ रही दिल्ली सरकार इस बार 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क का भुगतान नहीं कर रही है. इससे छात्रों और अभिभावकों के सामने परेशानी उत्पन्न हो गई है. इस संबंध में शिक्षा निदेशालय की ओर से आदेश जारी किया गया है
चुनाव होने से केजरीवाल सरकार ने परीक्षा शुल्क का किया था भुगतान
बीते साल जब सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षा के शुल्क में बढ़ोतरी की, तो मौका देख केजरीवाल सरकार ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के सभी छात्रों के शुल्क का भुगतान किया था. लेकिन इस बार परीक्षा शुल्क भुगतान करने से साफ इनकार कर दिया है.
आदेश के मुताबिक इस बार परीक्षा शुल्क छात्र ही भुगतान करेंगे. आदेश में स्पष्ट ना लिखते हुए पिछली स्थिति ही अपनाने का निर्देश दिया गया है. यानि छात्रों से ही शुल्क वसूल कर परीक्षा शुल्क जमा किया जाएगा. साल 2019-20 के लिए दिल्ली सरकार ने 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए सभी छात्रों की तरफ से फीस जमा किया था.
ये शुल्क देना होगा
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पिछले साल परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी की थी. इस कारण परीक्षा शुल्क के तहत प्रति विषय 300 रुपये और प्रति विषय प्रयोगात्मक परीक्षा शुल्क के लिए 150 रुपये का शुल्क चुकाना होता है. इसलिए 10वीं व 12वीं के छात्रों को 2000 से 2500 रुपये तक का भुगतान करना होगा.
पिछले साल 3.14 लाख छात्रों के फीस का किया था भुगतान
पिछले साल दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में बोर्ड परीक्षा देने वाले सभी छात्रों के परीक्षा शुल्क का भुगतान करने की घोषणा की थी. सरकार ने 3.14 लाख छात्रों की फीस का भुगतान किया था. कोरोना संकट के कारण इस बार ये राशि सरकार नहीं देगी.
बता दें कि इस बार कोरोना के चलते सभी स्कूल बंद हैं और बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों को भी इसमें काफी परेशानी हो रही है.