नई दिल्ली: दिल्ली में संचालित होने वाले प्राइवेट स्कूलों की मनमानी जारी है. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों के लिए जो आदेश और निर्देश जारी किए जाते हैं, उनका स्कूल प्रमुख पालन नहीं करते. यही वजह है कि प्राइवेट स्कूलों में बच्चियों के साथ यौन शौषण तक के मामले सामने आ रहे हैं. इसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने अपना एक ऑर्डर दोबारा जारी किया है.
इस आदेश में कहा गया है कि सभी प्राइवेट स्कूल अपने यहां तैनात सिक्योरिटी गार्ड, सफाई कर्मचारी, डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि का पुलिस वेरिफिकेशन कराएंगे. इससे पहले यही आदेश 2017 में भी जारी किया गया था, लेकिन स्कूलों की मनमानी के चलते इसे दोबारा जारी किया गया. हाल ही में दक्षिणी दिल्ली के स्कूल के सिक्योरिटी गार्ड पर यौन शौषण का आरोप लगा था. वहीं, स्कूल प्रबंधन प्रबंधन पर आरोप लगा था कि सिक्योरिटी गार्ड का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया था. दिल्ली में इस वक्त 1075 से अधिक निजी स्कूल हैं.
आदेश में कही गई ये बातें: शिक्षा विभाग की डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन बिमला कुमारी के जारी ऑर्डर में विभाग के साल 2017 के एक ऑर्डर का हवाला दिया गया है. इस ऑर्डर में कहा गया है कि प्राइवेट स्कूलों के साथ दिल्ली में संचालित होने वाले सभी स्कूल अपने यहां आउटसोर्स स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन कराएं. साथ ही स्कूल के अधिकारी यह क्रॉस-चेक करें की स्कूल में कोई गैरकानूनी गतिविधि तो नहीं हो रही है. इसके अलावा स्कूल के अंदर रखे सभी अल्मिराह और बंद कमरों की जांच कराई जाए. साथ ही किसी भी व्यक्ति को स्कूल में रुकने न दिया जाए.
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सरकारी स्कूलों में होता है पुलिस वेरिफिकेशन: सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक और गवर्मेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन के सदस्य संत राम ने बताया कि सरकारी स्कूलों में तैनात होने वाले गार्ड का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाता है. इस प्रक्रिया से सभी को होकर गुजरना पड़ता है, लेकिन प्राइवेट स्कूल इसका पालन करने में ढिलाई कर देते हैं.
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