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सीक्रेट पुलिस बनाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरफ्तार, 6 साल से थे फरार - गृह मंत्रालय

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दो ऐसे ठगों को गिरफ्तार (Delhi Crime Branch arrested accused) किया है, जिन्होंने गृह मंत्रालय के अधीन नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी को अंजाम दिया. ये दोनों आरोपी छह साल से फरार चल रहे थे.

crime branch
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Published : Aug 3, 2022, 2:32 PM IST

नई दिल्ली: युवाओं को गृह मंत्रालय (home Ministry) के अधीन नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले दो जालसाजों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के दो साथी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. वहीं गिरफ्तार होने वाले दोनों आरोपी बीते 6 साल से फरार चल रहे थे. इनकी गिरफ्तारी पर पुलिस की तरफ से 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था.

डीसीपी अमित गोयल (DCP Amit Goyal) के अनुसार अहमदाबाद निवासी भूपेंद्र ने क्राइम ब्रांच को एक शिकायत वर्ष 2016 में दी थी. उसने बताया था कि न्यूज़ पेपर में गुप्त सिपाही की भर्ती का एक विज्ञापन आया था. उसमें दिए गए नंबर पर उसने कॉल किया. सामने वाले शख्स ने उसके बारे में तमाम जानकारी ले ली. कुछ दिन बाद उन्हें एक जॉब लेटर मिला जिसमें उन्हें बताया गया कि वह इंडिया वेलफेयर एसोसिएशन, गृह मंत्रालय के अधीन गुप्त सिपाही चुने गए हैं. सिक्योरिटी के तौर पर उनसे 1.16 लाख रुपये बैंक खाते में जमा कराने के लिए कहा गया. क्राइम ब्रांच ने इस बाबत मामला दर्ज किया.

छानबीन के दौरान पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से इस मामले में अर्जुन और सुरेश नागर को गिरफ्तार किया था. वहीं उनके साथी गोविंद सोलंकी और बिपिन उर्फ विपिन पटेल फरार चल रहे थे. 6 साल से पुलिस टीम उनको तलाश रही थी. अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर रखा था. पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था. इसे ध्यान में रखते हुए एसीपी रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर कमल की टीम काम कर रही थी. पुलिस टीम को पता चला कि लक्ष्मी नगर इलाके में एक नया दफ्तर खोलने के लिए गोविंद कोई प्रॉपर्टी तलाश रहा है. पुलिस टीम ने यहां पर प्रॉपर्टी डीलरों से संपर्क किया.

एक प्रॉपर्टी डीलर ने बताया कि यह शख्स उसके पास कमर्शियल प्रॉपर्टी लेने के लिए आया था. उसने आरोपी का मोबाइल नंबर पुलिस को मुहैया कराया. इसकी मदद से पुलिस ने गोविंद को लक्ष्मीनगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया. उससे हुई पूछताछ के बाद दूसरे आरोपी विपिन पटेल को भी पुलिस ने यूपी के फतेहपुर से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह अखबार में विज्ञापन देकर लोगों को झांसा देते थे. ठगी के लिए वे फर्जी नियुक्ति पत्र और फर्जी आईकार्ड देते थे. विपिन पटेल फर्जी दस्तावेजों पर बैंक खाता खोलता था. इस तरीके से आरोपी बेरोजगारों से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुके थे.

गिरफ्तार किया गया आरोपी गोविंद उत्तर प्रदेश के बागपत का रहने वाला है. वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा है. उसके परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटी है. उसके खिलाफ पहले से संसद मार्ग, पांडव नगर, क्राइम ब्रांच, जयपुर और रोहतक में ठगी के मामले दर्ज हैं. दूसरा आरोपी विपिन उत्तर प्रदेश के फतेहपुर का रहने वाला है. कानपुर से उसने अपनी ग्रेजुएशन की है. इसके बाद उसने B.Ed की पढ़ाई की है. उसके परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा है. उसके खिलाफ पहले एक ठगी का मामला कानपुर में दर्ज है.

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नई दिल्ली: युवाओं को गृह मंत्रालय (home Ministry) के अधीन नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले दो जालसाजों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के दो साथी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. वहीं गिरफ्तार होने वाले दोनों आरोपी बीते 6 साल से फरार चल रहे थे. इनकी गिरफ्तारी पर पुलिस की तरफ से 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था.

डीसीपी अमित गोयल (DCP Amit Goyal) के अनुसार अहमदाबाद निवासी भूपेंद्र ने क्राइम ब्रांच को एक शिकायत वर्ष 2016 में दी थी. उसने बताया था कि न्यूज़ पेपर में गुप्त सिपाही की भर्ती का एक विज्ञापन आया था. उसमें दिए गए नंबर पर उसने कॉल किया. सामने वाले शख्स ने उसके बारे में तमाम जानकारी ले ली. कुछ दिन बाद उन्हें एक जॉब लेटर मिला जिसमें उन्हें बताया गया कि वह इंडिया वेलफेयर एसोसिएशन, गृह मंत्रालय के अधीन गुप्त सिपाही चुने गए हैं. सिक्योरिटी के तौर पर उनसे 1.16 लाख रुपये बैंक खाते में जमा कराने के लिए कहा गया. क्राइम ब्रांच ने इस बाबत मामला दर्ज किया.

छानबीन के दौरान पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से इस मामले में अर्जुन और सुरेश नागर को गिरफ्तार किया था. वहीं उनके साथी गोविंद सोलंकी और बिपिन उर्फ विपिन पटेल फरार चल रहे थे. 6 साल से पुलिस टीम उनको तलाश रही थी. अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर रखा था. पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था. इसे ध्यान में रखते हुए एसीपी रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर कमल की टीम काम कर रही थी. पुलिस टीम को पता चला कि लक्ष्मी नगर इलाके में एक नया दफ्तर खोलने के लिए गोविंद कोई प्रॉपर्टी तलाश रहा है. पुलिस टीम ने यहां पर प्रॉपर्टी डीलरों से संपर्क किया.

एक प्रॉपर्टी डीलर ने बताया कि यह शख्स उसके पास कमर्शियल प्रॉपर्टी लेने के लिए आया था. उसने आरोपी का मोबाइल नंबर पुलिस को मुहैया कराया. इसकी मदद से पुलिस ने गोविंद को लक्ष्मीनगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया. उससे हुई पूछताछ के बाद दूसरे आरोपी विपिन पटेल को भी पुलिस ने यूपी के फतेहपुर से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह अखबार में विज्ञापन देकर लोगों को झांसा देते थे. ठगी के लिए वे फर्जी नियुक्ति पत्र और फर्जी आईकार्ड देते थे. विपिन पटेल फर्जी दस्तावेजों पर बैंक खाता खोलता था. इस तरीके से आरोपी बेरोजगारों से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुके थे.

गिरफ्तार किया गया आरोपी गोविंद उत्तर प्रदेश के बागपत का रहने वाला है. वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा है. उसके परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटी है. उसके खिलाफ पहले से संसद मार्ग, पांडव नगर, क्राइम ब्रांच, जयपुर और रोहतक में ठगी के मामले दर्ज हैं. दूसरा आरोपी विपिन उत्तर प्रदेश के फतेहपुर का रहने वाला है. कानपुर से उसने अपनी ग्रेजुएशन की है. इसके बाद उसने B.Ed की पढ़ाई की है. उसके परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा है. उसके खिलाफ पहले एक ठगी का मामला कानपुर में दर्ज है.

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