नई दिल्ली: नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ को लेकर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने रविवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान चौधरी अनिल कुमार नोटबंदी के उद्देश्य, इसके प्रभाव और इसके बाद सामने आए हालात का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. अनिल कुमार ने कहा कि नोटबंदी और लॉकलाडन जैसे फैसलों से मोदी सरकार ने लाखों छोटे और मध्यम व्यवसायों को बंद होने के लिए मजबूर कर दिया और करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए.
'काले दिवस के रूप में याद रखेंगे'
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि भारत के लोग हमेशा 8 नवंबर 2020 को एक काले दिवस के रूप में याद रखंगे, क्योंकि इस दिन चार साल पहले 2016 में रात 8 बजे मोदी सरकार ने बिना किसी की सलाह लिए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का बाजार में चलन बंद कर दिया था. अनिल कुमार ने कहा कि तब प्रधानमंत्री ने अपने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी परामर्श नहीं ली. जबकि राहुल गांधी ने इसे बिना तैयारी व विषेशज्ञों की सलाह लिए बिना ही जल्दबाजी में लिया गया फैसला करार दिया था.
'मनमोहन सिंह ने बताया था संगठित लूट'
चौधरी अनिल कुमार ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इसे संगठित लूट और वैध लूट के रूप में बताया था. वहीं भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट तक ने इसे स्मारकीय विफलता के रूप में साबित किया है. लेकिन नरेंद्र मोदी अब भी अपनी तानाशाही फैसले के लिए देश से माफी नहीं मांग रहे हैं. अनिल कुमार ने कहा कि आरबीआई के अनुसार, 99.3 प्रतिशत से अधिक मुद्रा कोषागार में वापस आ गई है, जबकि 4-5 लाख करोड़ काले धन वापिस नहीं आने की बात की गई थी.
'कालाधन वापस लेने का था वादा'
उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से केवल प्रधानमंत्री मोदी के अमीर दोस्तों ने अपने काले धन को बिना किसी परेशानी के सफेद धन में बदल लिया, जबकि गरीबों और आम लोगों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा. अनिल कुमार ने कहा कि नोटबंदी को लागू करते समय, प्रधानमंत्री मोदी ने वादा किया था कि इस कदम से कालाधन वापस आएगा आतंकवाद नक्सलवाद, जाली मुद्रा, भ्रष्टाचार और मूल्यवृद्धि कम हो जागा, लेकिन पिछले चार वर्षों में केंद्र की मोदी सरकार इनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं कर सकी है.
'मना रहे विश्वासघात दिवस'
चौधरी अनिल कुमार ने मांग की कि मोदी सरकार को नोटबंदी पर श्वेत पत्र के साथ सामने आना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब देश विनाशकारी नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ मना रहा है, मोदी सरकार के लॉकडाउन जैसे फैसलों ने लोगों को और परेशान कर रखा है. इन दोनों फैसलों का नतीजा यह हुआ कि जीडीपी माइनस 23.9 फीसदी पर आ गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ को विश्वासघात दिवस के रूप में मना रही है, क्योंकि देश की गिरी हुई जीडीपी अभी उभरी नहीं है, और ना ही देश की जनता उस भयानक नोटबंदी की पीड़ा से उबर पाई है.