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Delhi Budget 2023: स्पीकर ने LG पर साधा निशाना, बोले- दिल्ली सरकार के कामकाज में बाधाएं पैदा की जा रही

दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र का समापन हो गया. शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए स्पीकर ने केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल पर निशाना साधा. साथ ही जनहित से जुड़े सवालों के जवाब नहीं मिलने पर दुख जताया.

विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल
विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल
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Published : Mar 31, 2023, 5:16 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के समापन पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के सुचारू कामकाज में कई बाधाएं पैदा की जा रही हैं. पुलिस, भूमि, सेवा, लोक व्यवस्था से संबंधित मामले में विधानसभा में उठाये जा रहे प्रश्नों के उत्तर नहीं दिए जा रहे हैं. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि दिल्ली की जनता के मुद्दे जो उनके हित के हैं अगर उन मुद्दों की चर्चा दिल्ली विधानसभा में नहीं होगी तो क्या उत्तर प्रदेश और हरियाणा के विधानसभा में होगी. एलजी के झुंझने पर दिल्ली सरकार के अफसर नाच रहे हैं.

LG पर साधा निशानाः उन्होंने कहा कि जीएनसीटी (संशोधन) अधिनियम, 2021 की आड़ में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव समितियों की बैठकों में भाग नहीं ले रहे हैं, जिसके कारण अजीब स्थिति पैदा हो गई है. विधायिका नीतियों के संबंध में कार्यपालिका की जवाबदेही लेने में सक्षम नहीं है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों का ऐसा दुलमुल और अनुशासनहीन रवैया केंद्र सरकार और एलजी के इशारे पर हो रहा है. उन्होंने कहा कि एलजी बिना किसी ठोस आधार के विभाग के लगभग हर मामले की जांच के आदेश देते रहे हैं.

तय डेट को पेश नहीं हुआ बजटः विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन के इतिहास में पहली बार वार्षिक बजट (2023-24) निर्धारित तिथि अनुसार नहीं, बल्कि एक दिन के विलंब के बाद पेश किया गया. 18 जनवरी को विपक्ष के सदस्य ने कथित रूप से यमुना के पानी से प्रदूषित पानी वाली पानी की बोतलों को सदन में प्रदर्शित किया था. जिसे परीक्षण के लिए दिल्ली जल बोर्ड को भेजा गया था. इसमें यह पाया गया कि पानी यमुना नदी का नहीं, बल्कि काले पदार्थ से दूषित पानी की बोतल का था.

यह भी पढ़ेंः Mosquito coil kills six: मॉस्किटो कॉइल ने छीनी 6 लोगों की जिंदगियां, पड़ोसियों ने बताया हादसे की वजह

उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान नियम 280 के तहत विशेष उल्लेख के 87 मामलों की अनुमति दी गई. सदन में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड, डीईआरसी, डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विभागों के वार्षिक प्रतिवेदन रखे गए. 22 मार्च को वित्त मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा 78,800 करोड़ रुपये बजट पेश किया गया.

24 मार्च को ऊर्जा मंत्री आतिशी मार्लेना ने एक गंभीर मुद्दे पर सदन का ध्यान आकर्षित किया और नियम-270 के तहत दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रची गई साजिश के बारे में बयान दिया. दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही बिजली सब्सिडी को बंद करने के लिए दिल्ली के निवासियों के लिए यह फिर से एलजी की पहल पर दिल्ली सरकार के कामकाज में बाधा उत्पन्न करने का एक और गंभीर उदाहरण है.

यह भी पढ़ेंः Delhi Police: दिल्ली में भगवा ध्वज के अपमान का वीडियो वायरल, आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के समापन पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के सुचारू कामकाज में कई बाधाएं पैदा की जा रही हैं. पुलिस, भूमि, सेवा, लोक व्यवस्था से संबंधित मामले में विधानसभा में उठाये जा रहे प्रश्नों के उत्तर नहीं दिए जा रहे हैं. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि दिल्ली की जनता के मुद्दे जो उनके हित के हैं अगर उन मुद्दों की चर्चा दिल्ली विधानसभा में नहीं होगी तो क्या उत्तर प्रदेश और हरियाणा के विधानसभा में होगी. एलजी के झुंझने पर दिल्ली सरकार के अफसर नाच रहे हैं.

LG पर साधा निशानाः उन्होंने कहा कि जीएनसीटी (संशोधन) अधिनियम, 2021 की आड़ में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव समितियों की बैठकों में भाग नहीं ले रहे हैं, जिसके कारण अजीब स्थिति पैदा हो गई है. विधायिका नीतियों के संबंध में कार्यपालिका की जवाबदेही लेने में सक्षम नहीं है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों का ऐसा दुलमुल और अनुशासनहीन रवैया केंद्र सरकार और एलजी के इशारे पर हो रहा है. उन्होंने कहा कि एलजी बिना किसी ठोस आधार के विभाग के लगभग हर मामले की जांच के आदेश देते रहे हैं.

तय डेट को पेश नहीं हुआ बजटः विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन के इतिहास में पहली बार वार्षिक बजट (2023-24) निर्धारित तिथि अनुसार नहीं, बल्कि एक दिन के विलंब के बाद पेश किया गया. 18 जनवरी को विपक्ष के सदस्य ने कथित रूप से यमुना के पानी से प्रदूषित पानी वाली पानी की बोतलों को सदन में प्रदर्शित किया था. जिसे परीक्षण के लिए दिल्ली जल बोर्ड को भेजा गया था. इसमें यह पाया गया कि पानी यमुना नदी का नहीं, बल्कि काले पदार्थ से दूषित पानी की बोतल का था.

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उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान नियम 280 के तहत विशेष उल्लेख के 87 मामलों की अनुमति दी गई. सदन में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड, डीईआरसी, डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विभागों के वार्षिक प्रतिवेदन रखे गए. 22 मार्च को वित्त मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा 78,800 करोड़ रुपये बजट पेश किया गया.

24 मार्च को ऊर्जा मंत्री आतिशी मार्लेना ने एक गंभीर मुद्दे पर सदन का ध्यान आकर्षित किया और नियम-270 के तहत दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रची गई साजिश के बारे में बयान दिया. दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही बिजली सब्सिडी को बंद करने के लिए दिल्ली के निवासियों के लिए यह फिर से एलजी की पहल पर दिल्ली सरकार के कामकाज में बाधा उत्पन्न करने का एक और गंभीर उदाहरण है.

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