नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के पुस्तक प्रेमियों के लिए खुशखबरी है. प्रगति मैदान में दिल्ली पुस्तक मेला का आयोजन किया जा रहा है, जो 22 दिसंबर से शुरू होकर 26 दिसंबर तक (Delhi Book Fair will start from December 22) चलेगा. खास बात है कि पुस्तक मेले के 26वें संस्करण को दो साल बाद फिजिकल मोड में आयोजित किया का रहा है. साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते दिल्ली पुस्तक मेला का आयोजन नहीं हो पाया था. वहीं, बीते साल इसका आयोजन ऑनलाइन मोड में किया गया था.
पुस्तक मेले में आने के लिए लोग प्रगति मैदान के एंट्री गेट नंबर 4 व गेट नंबर 10 से आ सकते हैं. गेट नंबर 10 सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन के नजदीक है, वहां से शटल सेवा की व्यवस्था की गई है. जबकि, स्कूली बच्चों के लिए फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स (एफआईपी) द्वारा बस की व्यवस्था की गई है. यह मेला बुद्धिजीवियों, लेखकों, पुस्तकालयाध्यक्षों, शिक्षकों, छात्रों एवं भारतीय संस्कृति और साहित्य में गहरी रुचि रखने वाले सभी लोगों के लिए एक आदर्श मिलन स्थल है.
90 प्रकाशक ले रहे भाग: आईटीपीओ और फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स (एफआईपी) द्वारा प्रगति मैदान के हॉल नंबर 3 व 4 में 26वें दिल्ली पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही स्टेशनरी व ऑफिस ऑटोमेशन के साथ कॉरपोरेट उपहार मेले का आयोजन भी किया जा रहा है. आईटीपीओ के अनुसार, इस साल 90 से अधिक प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं के साथ लाखों की संख्या में पुस्तक प्रेमी भी पहुंचेगे. इसके लिए सभी की एंट्री फ्री रखी गई है, जिससे अधिक से अधिक संख्या में पुस्तक प्रेमी यहां पहुंचे.
पुस्तक मेला में इन कार्यक्रमों का आयोजन: इस पुस्तक मेले में सेमिनार, लेखक संघ, छात्रों का प्रदर्शन, नाटक, चित्रकला प्रतियोगिता, कवि सम्मेलन और विभिन्न शीर्ष ब्रांड प्रकाशनों, सरकारी क्षेत्र व अन्य अकादमियों की पुस्तकों के विमोचन सहित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
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क्या है ट्रेंड किताबों का: इस डिजिटल दौर में जब ऑनलाइन मोड में किताबें उपलब्ध हो रही हैं तो ऑफलाइन किताबों का क्या ट्रेंड चल रहा है, यह जानने के लिए दिल्ली के द्वारका में अनंग प्रकाशन चलाने वाले निर्भय कुमार से बात की गई. उन्होंने बताया कि मौजूदा स्थिति में पाठकों की रुचि के हिसाब से किताबों का ट्रेंड भी बदला है. आज के दौर में अभी फिलहाल एजुकेशन से संबंधित किताबें डिमांड पर है. इसके पीछे कारण यह है कि लोग उन किताबों की ज्यादा खोज कर रहे हैं, जिनसे उनको मदद मिल सके. इसके अलावा साहित्य की किताबें, नॉवेल इत्यादि भी हैं. हालांकि, अब कविता संग्रह की किताबों की डिमांड कम हो रही है. वहीं, परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र जनरल बुक्स के अलावा, पाठक अन्य किताबों का भी चयन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में हमें काफी नुकसान हुआ है.
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