नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम) के लिए दिल्ली सरकार से कहा कि वह 415 करोड़ रुपये का भुगतान करे. यह बात सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल की अगुवाई वाली बेंच ने कही. इस पर दिल्ली बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के विज्ञापन पर टिप्पणी की है कि आप अपना चेहरा चमकाने के लिए 1,100 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं, लेकिन आरआरटीएस पर नहीं. अब कोर्ट ने दिल्ली सरकार को 415 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा है.
सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल सरकार के पास दिल्ली के विकास कार्यों के लिए समय नहीं है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अकर्मण्यता के कारण दिल्ली में बाढ़ आई. इससे किराड़ी में बच्चे की जान भी चली गई. अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बने रहने का कोई हक नहीं है. भाजपा मंगलवार को अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन करेगी.
वहीं, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने पिछले 8 सालों में अपना चेहरा चमकाने के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपये खर्च कर डाले. वहीं आईटीओ और उसके आसपास का इलाका इसलिए डूबा कि इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन के पास ड्रेन नंबर 12 का गेट टूट गया. इसी से डब्ल्यूएचओ, आईटीओ और सुप्रीम कोर्ट का इलाका डूब गया. यमुना नदी पर कुल 17 ड्रेन हैं लेकिन इन सभी की डिसिल्टिंग नहीं कराई गई.
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उन्होंने कहा कि रैपिड रेल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को आईना दिखाने का काम किया है. सीएम केजरीवाल को दिल्ली के विकास से कोई लेना देना नहीं है, जिसके चलते दिल्ली लगातार बाढ़ के प्रकोप को झेल रही है. केजरीवाल सरकार को सिर्फ भ्रष्टाचार से मतलब है. राजधानी में केजरीवाल सरकार की नाकामियों के चलते बाढ़ आई है.