नई दिल्ली: दिल्ली में आई बाढ़ को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार के चलते गत अनेक वर्षों से न यमुना नदी की सफाई हुई है न ही मुख्य नालों एवं सीवरों की सफाई हुई, जिसके चलते राजधानी बाढ़ का कहर झेल रही रही है. दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी सरकार अब राहत कार्यों में भी केवल लीपा पोती कर रही है. केजरीवाल सरकार ने बाढ़ पीडितों के लिए सिर्फ 10 हजार रुपये प्रति परिवार की मुआवजा की घोषणा की, जो नाकाफी है.
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली वाले हतप्रभ है की आज जब पूर्वी दिल्ली के साथ उत्तरी दिल्ली के कुछ भाग के लोग बाढ़ग्रस्त हैं. दो तिहाई दिल्ली पानी के संकट से त्रस्त है और पूरी दिल्ली पर बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है. उस वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजनीतिक पर्यटन पर बंगलौर घूम रहे है.
उन्होंने कहा कि पांच दिन पहले दिल्ली सरकार ने तीन प्रमुख जल संयंत्रों को बाढ़ के कारण बंद होने की घोषणा की. इसके बाद रविवार को संयत्र चालू होने की घोषणा की, पर अब तक दिल्लीवासियों को पानी नहीं मिला है. चंद्रावल प्लांट के नजदीकी सिविल लाइन, दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश, कालका जी से लेकर मालविया नगर तक, दक्षिण पश्चिम दिल्ली के महरौली से बिजवासन तक, पश्चिम दिल्ली के पटेल नगर से नजफगढ़ तक हर तरफ लोग पानी के संकट से त्रस्त हैं.
यमुना का जलस्तर घटने से सड़कों से पानी तो उतर रहा है पर मच्छरों एवं गंदे पानी से जुड़ी बीमारियां फैल रही हैं. जहां भाजपा ने बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन एवं मेडिकल कैंप लगाए हैं, लेकिन दिल्ली सरकार ने आज तक न बाढ़ पीडितों के लिए न साधारण नागरिकों के लिए कोई मेडिकल व्यवस्था की है. कोरोना काल की तरह दिल्ली की जनता आज फिर समझ नहीं पा रही कि मोहल्ला क्लीनिक क्यों किसी के काम नहीं आ रही हैं.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह कोरोना काल में हुआ था ठीक उसी तरह आज फिर दिल्ली के तीनों राज्यसभा सांसद संजय सिंह, एन.डी. गुप्ता एवं सुशील गुप्ता हो या फिर 62 विधायक एवं 135 पार्षद सब जनता के बीच से लापता है. न कोई जनता की पानी के लिए पुकार सुन रहा है, न बाढ़ पीडितों के लिए शौच एवं मेडिकल व्यवस्था करवा रहा है और न कोई विशेष सफाई अभियान चला रहा है. जनता आज अरविंद केजरीवाल के अकर्मण्यता एवं यमुना नदी एवं नालों की सफाई में भ्रष्टाचार से त्रस्त है.
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