नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने राजनीतिक महत्वकांक्षा के लिए सत्ता और सरकारी संपतियों का दुरुपयोग किया है. उस काले इतिहास को देखने और बताने की जरुरत है. जहां सेंसरशिप लागू कर दिया गया और आपातकाल की खबरें देने पर कई अखबारों के कार्यालयों की बिजली तक काट दी गई थी यह बात कही दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने. उन्होंने कहा कि नसबंदी का दौर जबरन चलाया गया और बड़ी संख्या में युवाओं का नसबंदी कर दिया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल में भारतीय संस्कृति और लोकतंत्र को जो नुकसान पहुंचाया उसकी भरपाई कठिन है. वहीं सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को आपातकाल जैसी घटना की जानकारी देना जरुरी है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में सबसे गलत काम आपातकाल लगाकर किया. इसी कारण कांग्रेस आज भी जनता का विश्वास नहीं जीत पाई है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ के लोगों ने जो संघर्ष किया उसकी जानकारी हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी देते रहना चाहिए. आदेश गुप्ता ने कहा कि आपातकाल के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस का जनता ने जो हश्र किया उससे भी कांग्रेस ने सबक नहीं सीखा. जनसंघ ने तब भी लोकतंत्र को बचाने के लिए बलिदान दिया और आज भी बीजेपी लोकतंत्र को बढ़ाने के लिए हर प्रयास कर रही है. लेकिन आपातकाल जैसी घटना से कांग्रेस के चरित्र को समझा जा सकता है कि जब वह सत्ता में होते हैं तो कैसा व्यवहार करते हैं. उस दौरान मीडिया पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई थी.
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव जहां हमें देश के विकास की जानकारी देता है. वहीं कांग्रेस द्वारा कानून और संविधान का उल्लंघन कर देश में जिस तरह से आपातकाल लगाया गया उसकी जानकारी भी नई पीढ़ी को देना जरुरी है. उन्होंने आपातकाल के दौरान जेलों में बंद लोगों के साथ हुई बर्बरता की जानकारी देते हुए कहा कि हमें ऐसा समाज और लोकतंत्र बनाना है जिससे भविष्य में कोई भी सरकार आपातकाल न लगा पाए.
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि आपातकाल का वह दौर जब याद आता है तो रुह कांप जाती है. क्योंकि उस वक्त लोगों को परिवार के सुख-दुख में शामिल होने की इजाजत तक नहीं दी गई. एक जेल के कमरे में जहां तीन से चार लोग सही से नहीं रह पाते वहां 20-20 लोगों को जानवरों की तरह बंद किया गया था, हम सभी उसके साक्षी हैं.
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