नई दिल्लीः दिल्ली में रहते हैं और आपके पास बीएस (भारत स्टैण्डर्ड) 3 और बीएस 4 डीजल की कार है तो आज यानी शनिवार से हालात सामान्य होने तक आप कार नहीं चला पाएंगे. दरअसल, दिल्ली में प्रदूषण के बदतर हालात को देख वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की, जो सिफारिशें की हैं, शुक्रवार को दिल्ली सरकार ने इसे अधिसूचित कर दिया. शनिवार से यह लागू हो जाएंगी. इसके अनुसार वायु प्रदूषण का स्तर 450 वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) से अधिक रहने तक बीएस 4 इंजन वाली डीजल कारों और अन्य भारी वाहन दिल्ली-एनसीआर में प्रतिबंधित रहेंगे. बैन के बावजूद गाड़ी चलाने पर 20,000 रुपये जुर्माना वसूला जाएगा.
दमघोंटू हवा से निपटने के लिए सरकार ने जारी किया सर्कुलर
- सभी प्राइमरी स्कूल (नर्सरी से 5वीं तक) अगले आदेश तक बंद
- 5वीं से ऊपर की क्लासेस पहले की तरह चलेंगी, लेकिन आउटडोर एक्टिविटीज पर रोक.
- नोएडा में क्लास 8 तक स्कूल बंद रहेंगे.
- दिल्ली में जरूरी सेवाओं के अलावा अन्य ट्रकों की एंट्री पर रोक. सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को अनुमति मिलेगी.
- दिल्ली सरकार के कार्यालय 50 प्रतिशत क्षमता से खुलेंगे. बाकी 50 प्रतिशत कर्मचारी वर्क फ्राम होम करेंगे.
- 500 नई पर्यावरण बसें चलेंगी. हॉट-स्पॉट के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनेगी.
- औद्योगिक प्रदूषण की मानिटरिंग के लिए 33 टीमों का गठन.
- ग्रैप का चौथे चरण लागू. इसी के मद्देनजर आज से दिल्ली में जो प्रतिबंद्ध लगे हुए हैं, उसको और भी कड़ा किया जा रहा है.
- निर्माण एवं विध्वसं कार्य पर पहले से ही प्रतिबंध लगा है. अब हाइवे, फलाईओवर एवं सड़कें, दिल्ली जल बोर्ड की पाइप लाइन तथा पावर ट्रांसमिशन के कार्य पर भी बैन.
केजरीवाल ने कहा-राहत के लिए गंभीरता से हो रहा विचार : CM अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण से लोगों को कैसे राहत मिले, इस पर भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. प्रदूषण का एक बड़ा कारक गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है. इसे देखते हुए राजधानी की सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम करने के लिए ऑड- इवन योजना को लागू करने पर विचार किया जा रहा है.
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प्रतिबंधों को लागू करने के लिए बनी कमेटीः प्रतिबंधों को ठीक तरह से लागू कराने के लिए स्पेशल कमिश्नर ट्रांसपोर्ट के नेतृत्व में 6 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. कमेटी में 2 सदस्य परिवहन विभाग, दो दिल्ली ट्रैफिक पुलिस तथा दो डीपीसीसी के होंगे. यह सुनिश्चित करेगी कि इन प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन हो सके.
साथ साथ हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के मख्यमंत्री को पत्र लिख कर यह अनुरोध कर रहे हैं कि वे आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को छोड़कर अन्य वाहनों को दिल्ली बार्डर तक न आने दें. उन्हें पहले ही ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर डायवर्ट करने की व्यवस्था करें. ऐसा न होने पर दिल्ली के बार्डर से उन्हें वापस भेजना बहुत ही कठिन हो जाता है. इसके अलावा भयंकर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
3 लाख प्राइवेट कारें नहीं चल सकेंगीः प्रतिबंध के कारण अगले आदेश तक दिल्ली में रजिस्टर्ड करीब तीन लाख डीजल निजी कारें नहीं चल पाएंगी. इनके अलावा आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में ऐसी कारें आती हैं. बैन के बावजूद कार लेकर निकले तो एमिशन नियमों के उल्लंघन पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस 20,000 रुपये तक का जुर्मना वसूल सकती है.
इंडस्ट्री को पीएनजी पर कनवर्ट करेंः दिल्ली के अंदर जितने उद्योग हैं उन्हें पीएनजी पर कनवर्ट कर दिया गया है. कोई चोरी-छिपे प्रदूषित ईंधन पर अपने इंडस्ट्री को न चलाएं, इसकी मॉनिटरिंग के लिए डीपीसीसी की 33 टीमें गठित की गई हैं. एसडीएम दिल्ली के अंदर जितने आरडब्लूए हैं उनके साथ बैठक करके सिक्योरिटी गार्डों को इलेक्ट्रकी हीटर देने की व्यवस्था करेंगे. राजस्व विभाग के कमिश्नर को आदेश दिया गया है कि वे मार्केट एसोशिएशन के साथ बैठक कर लोकल मार्केट और कार्यालयों की टाईमिंग अलग-अलग करने का एक सिस्टम तैयार करें, उसकी रिपोर्ट हमें सौपें.
प्रतिबंध पर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने उठाए सवालः वहीं, सरकार के इस फैसले पर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने सवाल पूछा है कि क्या प्रदूषण के चलते डीजल व्यवसायिक वाहनों को बंद करने से दिल्ली का प्रदूषण समाप्त हो जायेगा ? ग्रीन टैक्स के नाम पर साल 2016 से जो पैसा अरबों रुपए एकत्रित किए गए दिल्ली सरकार ने उससे क्या क्या उपाय किए? यदि नहीं किए गए जैसा की दिख रहा है तो इतना पैसा कहां है? अब क्या पराली नहीं जल रही, अगर जल रही है तो क्या कार्रवाई हो रही है? बीएस मानक का क्या मतलब है, हर कुछ समय के बाद नये मानक की गाड़ियों को बनाने की अनुमति सरकार देती है और कीमत बड़ा दी, वसूली जाती है, उसका क्या औचित्य है?