नई दिल्ली: दिल्ली में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया के दो दर्जन से अधिक सबसे ताकतवर देश के प्रमुख शिरकत करेंगे. यूं तो इससे पहले सम्मेलन से जुड़ी 200 बैठकें देश के 50 शहरों में हो चुकी है. अब मुख्य बैठकें दिल्ली में 8, 9 और 10 सितंबर को होगी. कूटनीति के मोर्चे पर भारत के पास अपना स्टैंड रखने का मौका है तो वहीं दिल्ली में हो रहे इस शिखर सम्मेलन के लिए 13 साल बाद एक बार फिर दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया संवारा गया है. वहीं, रिव्यू मीटिंग के दौरान उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सभी प्रोजेक्ट की समीक्षा की. वह शुक्रवार को दिल्ली कैंट समेत अन्य इलाकों में सौंदर्यीकरण के कार्य का जायजा लेंगे.
बता दें, इससे पहले वर्ष 2010 में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल के दौरान दिल्ली में बड़े स्तर पर विकास कार्य हुए थे. G-20 से जुड़े सौंदर्यीकरण के कार्यों की अंतिम तैयारी के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आज अहम बैठक बुलाई है.
कुल 54 निर्माण साइट का एलजी कर चुके हैं दौरा
G-20 सम्मेलन के लिए दिल्ली करीब-करीब तैयार हो गई है. दिल्ली के आधारभूत ढांचे से लेकर इसकी साज-सज्जा की जिम्मेदारी जिन अलग-अलग एजेंसियों को दी गई थी, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आज एक फाइनल रिव्यू मीटिंग में इसको देखेंगे. उपराज्यपाल कार्यालय में होने वाली इस मीटिंग में दिल्ली सरकार के तमाम विभागों के प्रमुख अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय निकायों के आला अधिकारी भी इस रिव्यू मीटिंग में अपने रिपोर्ट पेश करेंगे. पिछले 3 महीने में उपराज्यपाल लगातार G-20 शिखर सम्मेलन के लिए किया जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं. इस दौरान 54 जगह पर जाकर चल रहे विकास कार्यों को देखा और उसकी समीक्षा की.
इन इलाकों में हुआ है सौंदर्यीकरण का काम
13 साल बाद दिल्ली के प्रमुख इलाकों में एक साथ सौंदर्यीकरण का काम हुआ है. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना अब तक इन जगह का जायजा ले चुके हैं. G-20 के लिए मुख्यतया प्रगति मैदान में कन्वेंशन सेंटर बनाया गया है. इसके आसपास के इलाके, राजघाट, दिल्ली गेट, आईटीओ, आईएसबीटी कश्मीरी गेट, इंडिया गेट, सरदार पटेल मार्ग, धौला कुआं, दिल्ली कैंट, आईजीआई एयरपोर्ट और एयरफोर्स स्टेशन पालम टेक्निकल एरिया के अलावा नई दिल्ली लुटियंस जोन की वह सभी प्रमुख इमारतें, सड़कें आदि शामिल हैं जहां पर G-20 के लिए सौंदर्यीकरण का काम किया गया है. अपने दौरे के दौरान उपराज्यपाल ने सुनिश्चित किया कि सड़कों के किनारे हरियाली बढ़ाने के साथ-साथ फुटपाथ, ग्रिल्स, रेलिंग आदि को भी ठीक किया जाए. इस दौरान एनडीएमसी, एमसीडी, लोक निर्माण विभाग, इंडियन एयर फोर्स, आईटीपीओ समेत कई अन्य एजेंसियों के अधिकारियों के साथ दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव भी लगातार उपराज्यपाल के साथ मौजूद रहे थे. आज उपराज्यपाल इन एजेंसियों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा करेंगे.
G-20 के चलते इन क्षेत्रों में बदली दिखेगी दिल्ली
दिल्ली का इंफ्रास्ट्रक्चर
इसमें दिल्ली की सड़कों की बुनियादी ढांचे में सुधार, यात्रा और परिवहन, चलने की क्षमता में सुधार, साइनेजों का नवीनीकरण, फ्लाईओवर के नीचे सौंदर्यीकरण, सड़कों और फुटपाथों को संवारना, सार्वजनिक स्थानों पर पीने के पानी की उपलब्धता और पानी की रोकथाम के लिए फुलप्रूफ और स्थायी उपाय शामिल है. शिखर सम्मेलन के दौरान बारिश हुई तो जलभराव से निपटने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं.
स्वच्छता और सौंदर्यीकरण
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में गुणवत्ता वाले कूड़ेदानों की स्थापना, सभी पीडब्ल्यूडी और एमसीडी सड़कों के केंद्रीय और साइड किनारों की पहचान और सफाई और सभी मौजूदा लैंडफिल साइटों के समतलीकरण का काम किया गया है. इसके अलावा, दिल्ली के बाजारों और सार्वजनिक स्थानों के सौंदर्यीकरण और सार्वजनिक मूर्तियों की स्थापना की गई है.
भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन
दिल्ली के तमाम स्मारकों का रखरखाव बड़े स्तर पर किया गया है. वहां आसपास लैंडस्केपिंग, कुतुब मीनार, लोदी गार्डन, लाल किला, पुराना किला, हुमायूं का मकबरा और सुंदर नर्सरी आदि जैसे स्मारकों में खूबसूरत लाइटिंग का काम शामिल है. इसके अलावा कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश, चांदनी चौक, खान मार्केट जैसे प्रतिष्ठित बाजार और दिल्ली हाट को सजाया और कायाकल्प किया गया है. बंगला साहिब और इस्कॉन मंदिर जैसे प्रतिष्ठित बाजारों और लंगरों में G-20 प्रतिनिधियों और आगंतुकों का दौरा आयोजित है, इसकी खास व्यवस्था की गई है.
नागरिकों का जुड़ाव और युवाओं की भागीदारी
इसके तहत लोगों को स्वेच्छा से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करके सड़क और स्वच्छता अनुशासन में सुधार करना और G-20 मैराथन, सप्ताहांत सामुदायिक कार्यक्रम, ट्विटर/इंस्टाग्राम अभियान, सजाए गए ऑटो/रिक्शा, मेट्रो और बसें को सजाया संवारा गया है. 'वसुधैव कुटुम्बकम' और 'अतिथि देवोभव' के G-20 विषयों के इर्द-गिर्द घूमते हुए ब्रांडिंग और संचार अभ्यास सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.
सीमित सड़कों पर विशेष बसों की शुरुआत
G-20 शिखर सम्मेलन एक मील का पत्थर होगा जिसका उपयोग आने वाले लंबे समय के लिए राष्ट्रीय राजधानी का चेहरा बदलने के तौर पर होगा. कर्तव्य पथ (सेंट्रल विस्टा) जहां सबसे अधिक आने वाले प्रतिनिधि यात्रा करेंगे और प्रगति मैदान में कन्वेंशन सेंटर जैसे अन्य स्थल वहां आसपास के इलाके को आकर्षित बनाया गया है. शिखर सम्मेलन स्थलों में और उसके आसपास 5G नेटवर्क, होटलों का विकास, विशेष रूप से एनडीएमसी क्षेत्र में, सीमित सड़कों पर विशेष बसों की शुरुआत और हॉप ऑन हॉप ऑफ (होहो) बसों का संचालन होगा.
दिल्ली में जुटेंगे इन देशों के शीर्ष नेता
बैठक में भारत, अमेरिका, रूस, चीन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मेक्सिको, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के नेता शामिल होंगे. इसके अलावा भारत ने इसमें शामिल होने के लिए बांग्लादेश, यूएई, मॉरीशस, अफ्रीकी यूनियन रवांडा, नाइजीरिया और ओमान को भी आमंत्रण दिया है.
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