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बढ़ते बाल विवाह को रोकने के लिए DCPCR चलाएगा विशेष अभियान

दिल्ली में बढ़ते बाल विवाह को रोकने के लिए DCPCR ऑपरेटिंग प्रोसेस तैयार करेगा. जिससे कि बाल विवाह के मामलों पर कार्रवाई की जा सके.

DCPCR चलाएगा विशेष अभियान, etv bharat
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Published : Sep 24, 2019, 9:24 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बाल संरक्षण अधिकार आयोग का कहना है कि बाल विवाह कानून अधिनियम होने के बावजूद भी दिल्ली में बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं.

DCPCR चलाएगा बाल विवाह को रोकने के लिए अभियान

DCPCR ने पिछले 2 महीनों में 4 ऐसे मामलों में कार्रवाई की है, जिसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों की शादी करवाई जा रही थी.

रोक के बावजूद दिल्ली में बाल विवाह के मामले
DCPCR में चाइल्ड मैरिज के मामलों पर काम करने वाली अधिकारी रीता सिंह ने बताया कि उन्होंने दिल्ली नॉर्थ वेस्ट दिल्ली से चार ऐसे मामलों की पड़ताल की है, जिसमें बच्चों की शादी करवाई जा रही थी. जिसमें से दो शादियों को रोक दिया गया लेकिन दो शादियां हो गई. हालांकि, शादी होने के बाद उन बच्चों को चाइल्ड केयर सेंटर में भिजवा दिया गया.

चाइल्ड डिपार्टमेंट चलाएगा अभियान
रीता सिंह ने बताया कि हाल ही में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें बाल विवाह की रोकथाम पर काम करने वाले तमाम समूह और संगठनों के लोगों ने इस समस्या के निदान पर चर्चा की थी.

जिस पर यह निकल कर सामने आया कि दिल्ली चाइल्ड डिपार्टमेंट एक स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसेस SOP तैयार करेगा. जिससे की बाल विवाह के मामलों पर कार्रवाई की जा सके.

लोगों में है जागरूकता की कमी
रीता सिंह ने बताया कि बाल विवाह गैर-कानूनी है और इसको लेकर तमाम कानून बनाए गए हैं. बावजूद इसके लोग आज भी बाल विवाह को बढ़ावा देते हैं. इसका कारण यह है कि लोगों में जागरूकता की कमी है. साथ ही ऐसे मामलों को छिपाया जाता है और कार्रवाई नहीं की जाती, जिनसे की इन को बढ़ावा मिलता है.

2016 के बाद नहीं जारी किया डाटा
रीता सिंह ने बताया कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की तरफ से 2016 का डाटा जारी किया गया है. 2016 के बाद से NCRB ने कोई डाटा जारी नहीं किया बल्कि उसके बाद भी दिल्ली में बाल विवाह हो रहे हैं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बाल संरक्षण अधिकार आयोग का कहना है कि बाल विवाह कानून अधिनियम होने के बावजूद भी दिल्ली में बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं.

DCPCR चलाएगा बाल विवाह को रोकने के लिए अभियान

DCPCR ने पिछले 2 महीनों में 4 ऐसे मामलों में कार्रवाई की है, जिसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों की शादी करवाई जा रही थी.

रोक के बावजूद दिल्ली में बाल विवाह के मामले
DCPCR में चाइल्ड मैरिज के मामलों पर काम करने वाली अधिकारी रीता सिंह ने बताया कि उन्होंने दिल्ली नॉर्थ वेस्ट दिल्ली से चार ऐसे मामलों की पड़ताल की है, जिसमें बच्चों की शादी करवाई जा रही थी. जिसमें से दो शादियों को रोक दिया गया लेकिन दो शादियां हो गई. हालांकि, शादी होने के बाद उन बच्चों को चाइल्ड केयर सेंटर में भिजवा दिया गया.

चाइल्ड डिपार्टमेंट चलाएगा अभियान
रीता सिंह ने बताया कि हाल ही में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें बाल विवाह की रोकथाम पर काम करने वाले तमाम समूह और संगठनों के लोगों ने इस समस्या के निदान पर चर्चा की थी.

जिस पर यह निकल कर सामने आया कि दिल्ली चाइल्ड डिपार्टमेंट एक स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसेस SOP तैयार करेगा. जिससे की बाल विवाह के मामलों पर कार्रवाई की जा सके.

लोगों में है जागरूकता की कमी
रीता सिंह ने बताया कि बाल विवाह गैर-कानूनी है और इसको लेकर तमाम कानून बनाए गए हैं. बावजूद इसके लोग आज भी बाल विवाह को बढ़ावा देते हैं. इसका कारण यह है कि लोगों में जागरूकता की कमी है. साथ ही ऐसे मामलों को छिपाया जाता है और कार्रवाई नहीं की जाती, जिनसे की इन को बढ़ावा मिलता है.

2016 के बाद नहीं जारी किया डाटा
रीता सिंह ने बताया कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की तरफ से 2016 का डाटा जारी किया गया है. 2016 के बाद से NCRB ने कोई डाटा जारी नहीं किया बल्कि उसके बाद भी दिल्ली में बाल विवाह हो रहे हैं.

Intro:दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग का कहना है की बाल विवाह कानून अधिनियम होने के बावजूद भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं, डीसीपीसीआर ने पिछले 2 महीनों में दिल्ली में 4 ऐसे मामलों मैं कार्रवाई की है जिसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों की शादी करवाई जा रही थी.


Body:रोक के बावजूद दिल्ली में बाल विवाह के मामले
डीसीपीसीआर में चाइल्ड मैरिजस के मामलों पर काम करने वाली अधिकारी रीता सिंह ने बताया कि उन्होंने दिल्ली नॉर्थ वेस्ट दिल्ली से चार ऐसे मामलों की पड़ताल की, जिसमें की बच्चों की शादी करवाई जा रही थी जिसमें से दो शादियों को रोक दिया गया लेकिन दो शादियां हो गई, हालांकि शादी होने के बाद उन बच्चों को चाइल्ड केयर सेंटर में भिजवा दिया गया.

चाइल्ड डिपार्टमेंट चलाएगा अभियान
रीता सिंह ने बताया कि हाल ही में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें की बाल विवाह की रोकथाम पर काम करने वाले तमाम समूह और संगठनों के लोगों ने इस समस्या के निदान पर चर्चा की जिस पर यह निकल कर सामने आया कि दिल्ली चाइल्ड डिपार्टमेंट एक स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसेस s.o.p. तैयार करेगा. जिससे कि बाल विवाह के मामलों पर कार्रवाई की जा सके.

लोगों में जागरूकता की कमी
रीता सिंह ने बताया कि बाल विवाह गैर-कानूनी है और इसको लेकर तमाम कानून बनाए गए हैं बावजूद इसके लोग आज भी बाल विवाह को बढ़ावा देते हैं इसका कारण यह है कि लोगों में जागरूकता की कमी है साथ ही ऐसे मामलों को छुपाया जाता है और कार्यवाही नहीं की जाती जिनसे की इन को बढ़ावा मिलता है


Conclusion:2016 के बाद नहीं जारी किया डाटा
इसके अलावा रीता सिंह ने हमें बताया नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की तरफ से भी बाल विवाह को लेकर जब जांच पड़ताल की गई और डाटा जारी किया गया है वह केवल 2016 तक का है और 2016 के बाद एनसीआरबी ने कोई डाटा जारी नहीं किया बल्कि उसके बाद भी दिल्ली में बाल विवाह को रहे हैं इसका मतलब यह है कि ऐसे मामलों में कोई भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है ना ही कोई जांच की जा रही है.

नोट- ncrb की फोटो व्रैप से भेजी है वह भी खबर में लगा लेना
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