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दिल्ली: नादले कोरोना वायरस में पाए गए फॉल्स यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण - दिल्ली में कोरोना

बदले रंगरूट में अपनी दूसरी लहर में कोरोना वायरस ना सिर्फ अपना जेनेटिक कोड बदला है, बल्कि इसके कुछ लक्षण भी बदल गए हैं. कुछ कोरोना मरीजों में कोविड सिस्टाइटिस यानी यूरिन में पस बनने की शिकायत देखी जा रही है. विशेषज्ञ इससे घबराने की सलाह नहीं दे रहे हैं. यह कोई इन्फेक्शन नहीं है और इसके लिए एंटीबॉयोटिक दवाओं का सेवन करने की जरूरत नहीं है.

Covid-19 developed a new symptoms of a false urine infection
यूरिन इन्फेक्शन
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Published : Sep 20, 2020, 1:34 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना का सेकंड वेब यानी दूसरी लहर चल रही है. कोरोना की दूसरी लहर में ना सिर्फ वायरस म्यूटेट हुआ है, बल्कि लक्षणों में भी कुछ बदलाव आया है. आमतौर पर बुखार, खांसी, सर्दी और जुकाम गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत हो, तो माना जाता है कि कोरोना इनफेक्शन की आशंका है. लेकिन इनमें से ज्यादातर लक्षण सामान्य फ्लू से मिलते जुलते हैं. इसलिए कोरोना और सामान्य फ्लू में अंतर करना मुश्किल होता है.

कोरोना वायरस में फॉल्स यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण
'कोविड सिस्टाइटिस नहीं है खतरनाक'अपना रूप बदल चुके वायरस जिसे विशेषज्ञ म्यूटेट कोरोना वायरस कहते हैं, इसमें अब एक नया लक्षण भी जुड़ गया है. कोरोना संक्रमित कुछ मरीजों के यूरिन में भी इन्फेक्शन देखने को मिल रहा है. कुछ मरीजों के यूरिन में पस आता है, जिससे वो घबरा जाते हैं. उन्हें लगता है कि कोरोना के साथ-साथ उनका यूरिन इन्फेक्शन भी हो गया है , जो उनके लिए मुसीबतें खड़ी कर सकता है. लेकिन विशेषज्ञ इसे सामान्य मानते हैं, इस कंडीशन को खतरनाक नहीं मानते.


'किसी को घबराने की बात नहीं'

हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल बताते हैं कि अगर किसी कोरोना के मरीज के यूरिन में इंफेक्शन होता है, तो इसमें घबराने की कोई बात नहीं है. कुछ कोरोना के मरीजों में ऐसा होता है, जिसे कोविड सिस्टाइटिस कहा जाता है. इसमें मरीजों के यूरिन में पस आता है, लेकिन इनमें बैक्टीरिया नहीं होते. ऐसी स्थिति में यूरिन का कल्चर करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह कोई इंफेक्शन नहीं है.



'एंटीबॉयोटिक दवाओं के सेवन से बचें'

डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि इसे इंफेक्शन मानकर अनावश्यक रूप से एंटीबायोटिक्स का सेवन करने से परहेज करें. अगर आप इसे इन्फेक्शन मानकर बिना किसी डॉक्टर को दिखाएं एंटीबायोटिक्स का सेवन करेंगे, तो इसका दुष्प्रभाव आपके शरीर के दूसरे अंगों पर दिखेगा. जो आपके स्वास्थ्य के लिए बिल्ल्कुल ठीक नहीं है.

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना का सेकंड वेब यानी दूसरी लहर चल रही है. कोरोना की दूसरी लहर में ना सिर्फ वायरस म्यूटेट हुआ है, बल्कि लक्षणों में भी कुछ बदलाव आया है. आमतौर पर बुखार, खांसी, सर्दी और जुकाम गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत हो, तो माना जाता है कि कोरोना इनफेक्शन की आशंका है. लेकिन इनमें से ज्यादातर लक्षण सामान्य फ्लू से मिलते जुलते हैं. इसलिए कोरोना और सामान्य फ्लू में अंतर करना मुश्किल होता है.

कोरोना वायरस में फॉल्स यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण
'कोविड सिस्टाइटिस नहीं है खतरनाक'अपना रूप बदल चुके वायरस जिसे विशेषज्ञ म्यूटेट कोरोना वायरस कहते हैं, इसमें अब एक नया लक्षण भी जुड़ गया है. कोरोना संक्रमित कुछ मरीजों के यूरिन में भी इन्फेक्शन देखने को मिल रहा है. कुछ मरीजों के यूरिन में पस आता है, जिससे वो घबरा जाते हैं. उन्हें लगता है कि कोरोना के साथ-साथ उनका यूरिन इन्फेक्शन भी हो गया है , जो उनके लिए मुसीबतें खड़ी कर सकता है. लेकिन विशेषज्ञ इसे सामान्य मानते हैं, इस कंडीशन को खतरनाक नहीं मानते.


'किसी को घबराने की बात नहीं'

हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल बताते हैं कि अगर किसी कोरोना के मरीज के यूरिन में इंफेक्शन होता है, तो इसमें घबराने की कोई बात नहीं है. कुछ कोरोना के मरीजों में ऐसा होता है, जिसे कोविड सिस्टाइटिस कहा जाता है. इसमें मरीजों के यूरिन में पस आता है, लेकिन इनमें बैक्टीरिया नहीं होते. ऐसी स्थिति में यूरिन का कल्चर करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह कोई इंफेक्शन नहीं है.



'एंटीबॉयोटिक दवाओं के सेवन से बचें'

डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि इसे इंफेक्शन मानकर अनावश्यक रूप से एंटीबायोटिक्स का सेवन करने से परहेज करें. अगर आप इसे इन्फेक्शन मानकर बिना किसी डॉक्टर को दिखाएं एंटीबायोटिक्स का सेवन करेंगे, तो इसका दुष्प्रभाव आपके शरीर के दूसरे अंगों पर दिखेगा. जो आपके स्वास्थ्य के लिए बिल्ल्कुल ठीक नहीं है.

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