नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के मामले पर राहुल गांधी को बतौर अभियुक्त समन जारी करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने इस मामले पर 11 नवंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया.
इस मामले में पिछली 15 मई को दिल्ली पुलिस ने एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल की थी. पुलिस ने राहुल गांधी को क्लीन चिट दे दी थी. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि इस मामले में कोई संज्ञेय अपराध नहीं हुआ है.
दिल्ली पुलिस को कोर्ट का था निर्देश
दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस मामले में अलग से मानहानि का केस दायर किया जा सकता है, लेकिन केस उसे दायर करना चाहिए जिसके खिलाफ बयान दिया गया हो. पिछले 26 अप्रैल को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.
पीएम का अपमान करने का आरोप
याचिका जोगिंदर तुली ने दायर की है. याचिका में राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की.
ये है मामला
याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि नरेन्द्र मोदी जवानों के खून के पीछे छिपे हुए हैं और सैनिकों के बलिदान की दलाली कर रहे हैं. याचिका में राहुल के "सभी मोदी चोर हैं" बयान पर उनके खिलाफ देशद्रोह के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.