नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगा मामले के आरोपी शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका पर फैसला टाल दी है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने वैधानिक जमानत याचिका पर 9 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है. शनिवार को सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर के उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आपको लगता है कि हम फ्री हैं. हर तारीख पर यही होता है. वकील नहीं आते हैं. हम मामले को टालते रहे. कोर्ट ने डीसीपी क्राईम के पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि क्या आपके लिए ये केस महत्वपूर्ण नहीं है.
कोर्ट ने 13 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने 29 अगस्त को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. शरजील इमाम की ओर से वकील अहमद इब्राहिम और तालिब मुस्तफा ने याचिका में कहा है कि उसने अधिकतम 7 साल की सजा की आधी सजा काट ली है. ऐसे में उसको तत्काल जेल से रिहा किया जाए. याचिका में कहा गया है कि शरजील इमाम 28 जनवरी 2020 से हिरासत में है.
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वैधानिक जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि अपराध की गंभीरता को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है. दिल्ली पुलिस का कहना था कि सिर्फ इसलिए कि आरोपी ने उसके ऊपर दर्ज मामलों में मिलने वाली अधिकतम सजा का आधा हिस्सा जेल में बिता लिया है. इस आधार पर ज़मानत नहीं दी जा सकती है.
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दाखिल चार्जशीट में कहा है कि शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने की जी तोड़ कोशिश कर रहा था. दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 153ए, 153बी और 505(2) के तहत एफआईआर दर्ज किया था.
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