नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। इसका नतीजा अब दिल्ली में दिख रहा है। दिल्ली का बंद पड़ा स्मॉग टावर चालू कर दिया गया है। देर रात स्मॉग टावर को चालू करने के लिए अधिकारी और ऑपरेशन टीम के लोग लगे हुए थे।
बुधवार सुबह बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर स्थित देश का पहला स्मॉग टॉवर को चालू कर दिया गया है। हालांकि इसके पंखों की गति धीमी चल रही है। धीमे-धीमे इसकी स्पीड को बढ़ाया जाएगा। तस्वीर बाबा खड़क सिंह मार्ग पर स्थित देश का पहला स्मॉग टावर की है, जो पिछले 8 - 9 महीने से बंद पड़ा था। सोमवार को जिस प्रकार से सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और स्मॉग टावर को लेकर सवाल किया तब उसके बाद आज स्मॉग टावर को चालू किया गया है।
बाबा खड़क सिंह मार्ग पर स्थित स्मॉग टावर के ऑपरेटिंग टीम के सदस्य महिपाल ने बताया की इस स्मॉग टॉवर के अंदर 40 पंखे हैं ।40 पंखों को चालू कर दिया गया है। इसकी आधिकारिक तौर पर अधिकारियों ने जानकारी दी है । साथ ही यह भी कहा है कि इसकी अभी स्पीड 20 से 30 पर चलाई जा रही है। इसकी अधिकतम स्पीड 100 है। लेकिन अभी फिलहाल 24 घंटे तक इसे 50 तक ही चलाया जाएगा .और जैसे ही आगे अधिकारियों के निर्देश मिलेंगे उसी प्रकार इसकी गति का संचालन किया जाएगा।
प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद : स्मॉग टावर चालू होने के बाद दिल्ली में प्रदूषण में थोड़ी बहुत कमी जरूर देखी जाएगी और लोगों को राहत भी मिलेगी। स्मॉग टावर के साथ-साथ प्रदूषण को कम करने के लिए अन्य कदम भी उठाए जा रहे हैं।
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बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में स्मॉग टॉवर के बंद पड़े होने पर सख्त नाराज़गी जताई और पूछा कि स्मॉग टॉवर कब काम करेंगे। स्मॉग टॉवर तुरंत शुरू होना चहिए। हम नहीं जानते सरकार कैसे स्मॉग टॉवर शुरू करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के चेयरमैन को अगली सुनवाई में पेश होने को कहा है। साथ ही कहा है कि डीपीसीसी प्रदूषण पर रियल टाइम डेटा इकट्ठा करे और इसे सार्वजनिक ना किया जाए।
इन देशों में किया गया है स्माग टावर का इस्तेमालः हाल के सालों में नीदरलैंड, चीन, दक्षिण कोरिया और पोलैंड के शहरों में स्मॉग टावरों का प्रयोग किया गया है. पहला टावर 2015 में नीदरलैंड के रॉटरडैम में बनाया गया था, जिसे डच कलाकार डैन रूजगार्ड ने बनाया था. दिल्ली में स्थापित टावर मुंबई और दिल्ली IIT और मिनेसोटा विश्वविद्यालय के बीच सहयोग से बना है.