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दिल्ली में सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत कौन कोर्ट करेगी, इस पर फैसला लंबित

दिल्ली में सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में भ्रष्टाचार के मामले में जांच की मांग वाली याचिका किस कोर्ट में भेजा जाएगा इस पर फैलसा लंबित है.

Rouse Avenue Court
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Published : Jul 17, 2022, 2:05 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में सात अस्थायी अस्पताल बनवाने में भ्रष्टाचार के मामले में जांच की बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की मांग करनेवाली याचिका किस कोर्ट में भेजा जाएगा इस बात पर अभी फैसला नहीं हुआ है. ये मामला अभपी राऊज एवेन्यू कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज के यहां लंबित है. इस मामले पर पहले से सुनवाई कर रहीं एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने अगली सुनवाई 22 जुलाई को करने का आदेश दिया.

3 जून को कोर्ट ने मनोज तिवारी की याचिका को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने कहा था कि ये मामला भ्रष्टाचार निरोधक कानून से जुड़ा हुआ है और उनकी कोर्ट का इस पर पर्याप्त क्षेत्राधिकार नहीं है. इसलिए इस याचिका को भ्रष्टाचार निरोधक कानून से जुड़ी दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए.

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली में सात अस्थायी अस्पताल बनवाने में भ्रष्टाचार की जांच करने की मांग की है. मनोज तिवारी ने शिकायत की है कि उन्होंने केंद्र सरकार के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली में सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में पीडब्डल्यूडी विभाग की ओर से फर्जीवाड़ा किया गया है. ये सात अस्पताल शालीमार बाग, किराड़ी, सुल्तानपुरी, चाचा नेहरु बाल चिकित्सालय, जीटीबी, सरिता विहार और रघुबीर नगर में स्थित हैं. इन अस्थायी अस्पतालों के निर्माण के लिए एक ही कंपनी सैम इंडिया बिल्डवेल प्राईवेट लिमिटेड को ठेका देने में पक्षपात किया गया. इस कंपनी को 1256 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया जबकि इन अस्पतालों को बनाने में अनुमानित लागत 1216 करोड़ रुपये थी. ये भी ठेका बिना दिल्ली सरकार की अनुमति के एक ही दिन में दे दिया गया.

मनोज तिवारी ने अपनी शिकायत में कहा है कि दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येन्द्र जैन, पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर इन चीफ शशिकांत, पीडब्ल्यूडी विभाग के चीफ इंजीनियर संजीव रस्तोगी की भूमिका की जांच हो. शिकायत में कहा गया है कि शशिकांत ने अपने रिटायर होने की तिथि 31 अगस्त को अस्थायी अस्पताल के निर्माण के लिए सैम बिल्डवेल के नाम से 1256 करोड़ रुपये के तीन टेंडर स्वीकृत किए. इन अस्पतालों की टेंडर राशि को संजीव रस्तोगी ने यह कहकर बढ़ा दिया कि स्ट्रक्चरल ट्यूब की कीमत 79 हजार रुपये प्रति टन हो गया है जबकि इसकी कीमत 52,625 रुपये प्रति टन थी.

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नई दिल्ली: दिल्ली में सात अस्थायी अस्पताल बनवाने में भ्रष्टाचार के मामले में जांच की बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की मांग करनेवाली याचिका किस कोर्ट में भेजा जाएगा इस बात पर अभी फैसला नहीं हुआ है. ये मामला अभपी राऊज एवेन्यू कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज के यहां लंबित है. इस मामले पर पहले से सुनवाई कर रहीं एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने अगली सुनवाई 22 जुलाई को करने का आदेश दिया.

3 जून को कोर्ट ने मनोज तिवारी की याचिका को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने कहा था कि ये मामला भ्रष्टाचार निरोधक कानून से जुड़ा हुआ है और उनकी कोर्ट का इस पर पर्याप्त क्षेत्राधिकार नहीं है. इसलिए इस याचिका को भ्रष्टाचार निरोधक कानून से जुड़ी दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए.

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली में सात अस्थायी अस्पताल बनवाने में भ्रष्टाचार की जांच करने की मांग की है. मनोज तिवारी ने शिकायत की है कि उन्होंने केंद्र सरकार के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली में सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में पीडब्डल्यूडी विभाग की ओर से फर्जीवाड़ा किया गया है. ये सात अस्पताल शालीमार बाग, किराड़ी, सुल्तानपुरी, चाचा नेहरु बाल चिकित्सालय, जीटीबी, सरिता विहार और रघुबीर नगर में स्थित हैं. इन अस्थायी अस्पतालों के निर्माण के लिए एक ही कंपनी सैम इंडिया बिल्डवेल प्राईवेट लिमिटेड को ठेका देने में पक्षपात किया गया. इस कंपनी को 1256 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया जबकि इन अस्पतालों को बनाने में अनुमानित लागत 1216 करोड़ रुपये थी. ये भी ठेका बिना दिल्ली सरकार की अनुमति के एक ही दिन में दे दिया गया.

मनोज तिवारी ने अपनी शिकायत में कहा है कि दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येन्द्र जैन, पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर इन चीफ शशिकांत, पीडब्ल्यूडी विभाग के चीफ इंजीनियर संजीव रस्तोगी की भूमिका की जांच हो. शिकायत में कहा गया है कि शशिकांत ने अपने रिटायर होने की तिथि 31 अगस्त को अस्थायी अस्पताल के निर्माण के लिए सैम बिल्डवेल के नाम से 1256 करोड़ रुपये के तीन टेंडर स्वीकृत किए. इन अस्पतालों की टेंडर राशि को संजीव रस्तोगी ने यह कहकर बढ़ा दिया कि स्ट्रक्चरल ट्यूब की कीमत 79 हजार रुपये प्रति टन हो गया है जबकि इसकी कीमत 52,625 रुपये प्रति टन थी.

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