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84 दंगों के दोषी नरेश सहरावत की सजा 12 हफ्ते के लिए निलंबित - पटियाला हाउस कोर्ट

20 नवंबर 2018 को पटियाला हाउस कोर्ट ने सिख दंगों के मामलों में यशपाल सिंह को फांसी की सजा सुनाई थी जबकि दूसरे दोषी नरेश सहरावत को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. पटियाला हाउस कोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली के महिपालपुर में 1984 में दो लोगों की हत्या के मामले में ये सजा सुनाई थी.

convicted for 84 riots jail Naresh Sehrawat jail punishment  suspended for 12 weeks
84 दंगों के दोषी नरेश सहरावत
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Published : Jun 1, 2020, 6:39 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 सिख दंगों के मामलों में दोषी नरेश सहरावत की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए तीन महीने तक सजा निलंबित करने की अनुमति दे दी है. जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के बाद ये आदेश दिया. कोर्ट ने नरेश सहरावत को 12 हफ्ते की सजा निलंबित करने का आदेश दिया.



आईएलबीएस अस्पताल में चेकअप हुआ था
पिछले 26 मई को सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन ने कोर्ट को बताया था कि उसने नरेश सहरावत को मेडिकल चेकअप के लिए आईएलबीएस अस्पताल ले गया था, लेकिन उसका चेकअप नहीं हो सका. आईएलबीएस अस्पताल ने 27 मई को चेकअप के लिए एप्वायंटमेंट तय किया था. पिछले 20 मई को कोर्ट ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि वो तीन दिन के अंदर दोषी को आईएलबीएस अस्पताल ले जाएं और उसका मेडिकल चेकअप कराएं. कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एसआईटी को नोटिस जारी करते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. सुनवाई के दौरान नरेश सहरावत की ओर से कहा गया कि उसका किडनी ट्रांसप्लांट का आपरेशन 11 मार्च के लिए तय हुआ था, लेकिन उसका आपरेशन कोरोना वायरस की वजह से टाल दिया गया.


2018 में सुनाई गई थी सजा
20 नवंबर 2018 को पटियाला हाउस कोर्ट ने सिख दंगों के मामलों में यशपाल सिंह को फांसी की सजा सुनाई थी जबकि दूसरे दोषी नरेश सहरावत को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. पटियाला हाउस कोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली के महिपालपुर में 1984 में दो लोगों की हत्या के मामले में ये सजा सुनाई थी.



एसआईटी ने इस मामले को फिर से खोला था
दिल्ली पुलिस ने ये मामला सबूतों के अभाव में बंद कर दिया था. लेकिन 1984 के दंगों की जांच करनेवाली एसआईटी ने इस मामले को फिर से खोला. दोनों पर आरोप है कि 1984 में भड़के सिख दंगों के दौरान महिपालपुर में हरदेव सिंह और अवतार की हत्या की थी. पुलिस से इस मामले की शिकायत हरदेव सिंह के भाई संतोख सिंह ने की थी.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 सिख दंगों के मामलों में दोषी नरेश सहरावत की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए तीन महीने तक सजा निलंबित करने की अनुमति दे दी है. जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के बाद ये आदेश दिया. कोर्ट ने नरेश सहरावत को 12 हफ्ते की सजा निलंबित करने का आदेश दिया.



आईएलबीएस अस्पताल में चेकअप हुआ था
पिछले 26 मई को सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन ने कोर्ट को बताया था कि उसने नरेश सहरावत को मेडिकल चेकअप के लिए आईएलबीएस अस्पताल ले गया था, लेकिन उसका चेकअप नहीं हो सका. आईएलबीएस अस्पताल ने 27 मई को चेकअप के लिए एप्वायंटमेंट तय किया था. पिछले 20 मई को कोर्ट ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि वो तीन दिन के अंदर दोषी को आईएलबीएस अस्पताल ले जाएं और उसका मेडिकल चेकअप कराएं. कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एसआईटी को नोटिस जारी करते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. सुनवाई के दौरान नरेश सहरावत की ओर से कहा गया कि उसका किडनी ट्रांसप्लांट का आपरेशन 11 मार्च के लिए तय हुआ था, लेकिन उसका आपरेशन कोरोना वायरस की वजह से टाल दिया गया.


2018 में सुनाई गई थी सजा
20 नवंबर 2018 को पटियाला हाउस कोर्ट ने सिख दंगों के मामलों में यशपाल सिंह को फांसी की सजा सुनाई थी जबकि दूसरे दोषी नरेश सहरावत को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. पटियाला हाउस कोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली के महिपालपुर में 1984 में दो लोगों की हत्या के मामले में ये सजा सुनाई थी.



एसआईटी ने इस मामले को फिर से खोला था
दिल्ली पुलिस ने ये मामला सबूतों के अभाव में बंद कर दिया था. लेकिन 1984 के दंगों की जांच करनेवाली एसआईटी ने इस मामले को फिर से खोला. दोनों पर आरोप है कि 1984 में भड़के सिख दंगों के दौरान महिपालपुर में हरदेव सिंह और अवतार की हत्या की थी. पुलिस से इस मामले की शिकायत हरदेव सिंह के भाई संतोख सिंह ने की थी.

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