नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने दिल्लीवासियों पर बढ़े हुए बिजली के बिल थोपने को लेकर दिल्ली सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पावर परचेज अग्रिमेंट की आड़ में बिजली कम्पनियों को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली की जनता पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त बोझ डाल रही है. 2013 में बिजली दरें बढ़ाने पर डीईआरसी पर प्रहार करने वाले इसको चुनावी मुद्दा बनाने वाले केजरीवाल आज बिजली कंपनियों के सुर में सुर मिला रहे हैं.
कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार बिजली बिलों की बढ़ोत्तरी को अपनी गलती मानने की जगह हमेशा दूसरों पर दोषारोपण की राजनीति करते आई है, जो उनके व्यक्तित्व का कड़वा सच है. दिल्लीवासी अब पहचान चुके हैं. उन्होंने कहा कि बिजली मंत्री आतिशी कोयले के दाम में बढ़ोतरी तो बिजली की दरें बढ़ाने की मजबूरी बताना कहीं न कहीं भाजपा की केन्द्र सरकार से सुर मिलने वाला लगता है. उन्होंने मांग की कि जब दूसरी तरफ बिजली मंत्री आतिशी कहती है कि 200 यूनिट से नीचे वाले उपभोक्ताओं पर बिजली की बढ़ी दरों का असर नहीं होगा तो फिर शेष जनता के साथ भेदभाव कर उनको बिजली के दाम से राहत क्यों नहीं देती आम आदमी पार्टी सरकार.
उन्होंने कहा कि क्या कोयला पहले महंगा नहीं आ रहा था. शीला सरकार के दौरान 24 घंटे बिजली बहुत ही सस्ती दरों पर मुहैया कराई जाती थी, परंतु मौजूदा आम आदमी पार्टी और भाजपा दोहरी राजनीति करके लोगों पर लगातार अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल रही है. उन्होंने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ के लिए केजरीवाल सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है.
8 साल से बिजली कंपनी का नहीं हुआ ऑडिटः अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार ने एक साजिश के तहत उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली सब्सिडी को बिजली कंपनियों देकर दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं के साथ धोखा किया है, जहां एक ओर दिल्ली सरकार ने उपभोक्ताओं की सब्सिडी के 26000 करोड़ रुपये बिजली कंपनियों दिए हैं. वहीं, दूसरी ओर बिजली कंपनियों ने फिक्स चार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं से 16,000 करोड़ रुपये वसूले हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लगातार मांग के बावजूद पिछले 8 वर्षों में डिस्कॉम/बिजली कंपनियों का ऑडिट नहीं कराया है.
उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए अरविन्द केजरीवाल सरकार ने 25-28 दिन के सर्कल पर बिल लेकर उपभोक्ताओं पर दोहरी मार कर रहे हैं. मैं बताना चाहता हूं कि कांग्रेस शासन के दौरान बिजली बिल 45-50 दिन के सर्कल पर आता जो मौजूदा बिलों से कम होता था. दिल्ली में 200 यूनिट मुफ्त बिजली के नाम पर गरीब दिल्ली वालों को लूटा जा रहा है. जब 200 यूनिट बिजली मुफ्त है तब 3 रुपये प्रति यूनिट वसूलने का प्रावधान क्यों हैं.
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दिल्ली की बिगड़ रही है कानून व्यवस्थाः चौ. अनिल कुमार ने कहा कि प्रतिदिन राजधानी दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और केन्द्र सरकार के गृहमंत्री अमित शाह को तुरंत प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि केन्द्र और दिल्ली सरकार की कानून व्यवस्था के प्रति लापरवाही के कारण अपराधी दिल्ली में आकर शरण ले रहे हैं और यहां सरे आम अपराधों को अंजाम दे रहे हैं. हर क्षेत्र में सीसीटीवी लगे होने के बावजूद अपराध होने में कहीं न कहीं पुलिस अपना काम ठीक से नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि राजधानी में अपराधियों का सुरक्षित महसूस करना अरविन्द केजरीवाल सरकार और केन्द्र सरकार की सुरक्षा नीति पर प्रश्न चिह्न लगाता है.
उन्होंने दिल्ली में दिनोंदिन बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पंजाब का उदाहरण देकर दिल्ली में हो रहे अपराधों की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते. नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, अब राजधानी में प्रतिदिन 5 रेप की घटनाएं बढ़कर 10 रेप प्रतिदिन हो रही हैं. जिसके कारण महिलाएं राजधानी में असुरक्षित महसूस कर रही है.