नई दिल्ली: सीएम अरविंद केजरीवाल ने शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली के 123 शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया. 14 कैटेगरी में इन शिक्षकों को सर्टिफिकेट, 25 हजार रुपए, पदक और शॉल देकर सम्मानित किया. त्यागराज स्टेडियम में केजरीवाल ने कहा कि देश की शिक्षा व्यवस्था को इतना अच्छा कर देंगे कि दुनिया भर के बच्चे भारत में पढ़ने आएंगे. पहले नालंदा विश्वविद्यालय में दुनिया भर के स्टूडेंट्स पढ़ने आते थे, लेकिन अंग्रेजों ने आकर शिक्षा व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया. हमारा देश सदियों तक शिक्षा का केंद्र रहा है. हमें भारत को दोबारा शिक्षा का केंद्र बनाना है.

केजरीवाल ने कहा कि जब दिल्ली में हमारी सरकार बनी थी, तब मन में ये तो था कि स्कूलों को सही करना है और शिक्षा को अच्छा करना है. गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं, उनको अच्छी शिक्षा नहीं मिलती, उसे भी ठीक करना है. उस समय हमारे पास राजनीतिक इच्छा शक्ति बहुत थी, लेकिन रास्ता साफ नहीं था. इसलिए सरकार में आने के बाद पहले साल ही बजट का 25 फीसद हिस्सा स्कूलों पर खर्च कर दिया.
''दिल्ली सरकार के स्कूलों से लगभग 1300 बच्चों ने जेईई और नीट के इग्जाम क्लीयर किए. मैंने उन सभी बच्चों के माता पिता, टीचर्स और प्रिंसिपल्स से मुलाकात की और सभी बच्चों ने अपनी सफलता के पीछे अपने टीचरों का हाथ बताया. कई शिक्षकों ने इन बच्चों की आर्थिक रूप से भी मदद तक की. टीचर और बच्चों का रिश्ता काफी पवित्र होता है.''
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली
बजट का 25 फीसदी शिक्षा पर खर्च: केजरीवाल ने कहा कि बजट का 25 फीसदी हिस्सा खर्च करना तो आसान काम था. लेकिन जब हमारी सरकार बनी थी, उस वक्त सरकारी स्कूलों के टीचरों को लेकर समाज में एक गलत धारणा बनी हुई थी कि सरकारी शिक्षक पढ़ाते नहीं है. आज दिल्ली के 60 हजार टीचर्स हैं, जिन्होंने 7 साल में देश के अंदर क्रांति करके दिखा दी. इससे पहले किसी भी सरकार के लिए सरकारी स्कूल अंतिम प्राथमिकता होती थी. हमने शिक्षा को पहली प्राथमिकता बना दी. जब सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल्स फिनलैंड, सिंगापुर जैसे देशों में जाकर ट्रेनिंग करने लगे तो उर्जा के साथ वापस आए. स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर का बदलने लगा तो इन्हीं टीचर्स ने कमाल करके दिखा दिया.
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