नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल महोदय ने अपने भाषण में सुंदर और विकसित दिल्ली का नक्शा प्रस्तुत किया. फिर सीएम ने दो तस्वीरों की तुलना से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि तीन दिन में दिल्ली के बारे में दो तरह की तस्वीर सामने आई है. एक खबर दिल्ली के बच्चों और सरकारी स्कूलों के बारे में थी, ट्रंप की पत्नी सरकारी स्कूल में आईं और यह 70 साल में पहली बार हुआ. उन्होंने कहा कि ऐसे क्लास पूरी दुनिया के हर स्कूल में होने चाहिए. यह देश के लिए गौरव की बात है.
'शहीद के परिवार की जिम्मेदारी हमारी'
दूसरी तस्वीर के रूप में सीएम ने हिंसा का जिक्र किया और कहा कि जब ट्रम्प यहां थे, तो दिल्ली जल रही थी, दुकानों के जलने, घर जलने मार्किट उजड़ने की खबर छपी. हमें चुनना है कि कौन सी तस्वीर मंजूर है. शहीद कांस्टेबल रतनलाल का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वे किसी हिन्दू या मुस्लिम को बचाने के लिए नहीं मुल्क को बचाने के लिए शहीद हुए. आज दिल्ली, सरकार और सदन की तरफ से उनके परिवार को आश्वासन देता हूं कि शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. वे नफरत वाली तस्वीर के लिए शहीद नहीं हुए, उनके परिवार की जिम्मेदारी हमारी है.
'बाहरी और राजनीतिक लोगों ने किए दंगे'
केजरीवाल ने कहा कि मैंने खबर सुनी कि केंद्र सरकार शहीद रतनलाल के परिवार को एक करोड़ का सम्मान राशि दे रही है, दिल्ली सरकार अपनी नीति के अनुसार एक करोड़ का सम्मान राशि देगी और परिवार के एक आदमी को नौकरी देगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली वाले बहुत अच्छे हैं, भाईचारे से रहते हैं, सब सुकून से जीते हैं, हमें दंगे फसाद नहीं चाहिए. दंगों के कारण को लेकर सीएम ने कहा कि यह आम आदमी ने नहीं किया, बाहरी तत्वों ने, राजनीतिक तत्वों ने और कुछ असामाजिक तत्वों ने किया.
'हिन्दू-मुस्लिम दोनों का नुकसान'
मुख्यमंत्री ने दंगे में मृत और घायल कुछ लोगों के जिक्र के साथ बताया कि किस तरह दंगे में हिन्दू मुस्लमान दोनों का नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि वीर भान, मोहम्मद मुबारक़, प्रवेश, जाकिर, राहुल सोलंकी, शाहिद, मोहम्मद फुरकान, राहुल ठाकुर, इसमें हिन्दू-मुसलमान दोनों हैं, जिनकी मौत हुई. वहीं, घायलों में राकेश, मोहम्मद सलीम, देवदास, राकेश, नदीम, राजेश शामिल हैं, इनमें भी दोनों हैं. उन्होंने कहा कि राहुल सोलंकी दूध लेने गया था, उसकी मां को अगर कहो कि बदले में 10 मुसलमान मार दिए, उसे उससे क्या लेना देना, बेटा तो चला गया. उसी तरह शाहिद खान रिक्शा चलाता था.
'पुलिसवालों ने की कोशिश'
घायल डीसीपी अमित शर्मा के बारे में सीएम ने कहा कि उनका सर फोड़ दिया, ब्रेन का ऑपरेशन हुआ है, उनके पूरे परिवार से मैं मिला. वहीं एक एसीपी भी थे, कम से कम 50 पुलिस वाले घायल हैं. आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा हैं, उन्हें नाले में डाल दिया. पुलिस वालों ने काफी कोशिश की लेकिन माहौल ऐसा था कि हालात बिगड़े. हालांकि कई निचले स्तर के पुलिस वालों ने कहा कि ऊपर से ऑर्डर नही है, कुछ पुलिस वालों के वीडियो आए, लेकिन कहते हैं न कि एक मछली पूरे तालाब को गंदा करती है.
'दिल्ली के सामने दो विकल्प'
अपने विधायकों द्वारा की गई शांति बहाली की कोशिशों का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि हमारे कई विधायकों, कार्यकर्ताओं की कोशिश से दंगे रुके. हमने दौरे किए कई अस्पतालों के, गृह मंत्री से मिले, जो हो सकता था किया. दो विकल्प हैं, एक कि सभी एकसाथ खड़े हो जाएं और दूसरा विकल्प कि एक दूसरे को मारकर लाशें गिने. आधुनिक दिल्ली लाशों के ऊपर नहीं बन सकती. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यह नफरत की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी, दुकानें जलाने की घर जलाने की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कहीं हिन्दू इलाके में एक मुसलमान रहता है सब हिंदुओं ने मिलकर उसे बचाया, उसी तरह मुस्लिम इलाके में हिन्दू बचाए गए.
'जरूरत हो तो आर्मी बुलाएं'
अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सुबह भी निवेदन किया था, फिर करता हूं कि अगर जरूरत हो तो आर्मी को बुलाया जाए, कर्फ्यू की जरूरत हो तो लगे, हमारी तरफ से कोई कमी नहीं होगी, बाहर से कोई शांति भंग करता है तो उसकी जानकारी पुलिस को दीजिए.