नई दिल्ली : लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत नहाय खाय के साथ शुक्रवार को शुरू हो रहा है. समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ 31 अक्टूबर को होगा. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते हुए सूरज की अर्ध्य और चौथे दिन उगते अर्घ्य देते हुए समापन होता है. छठ महापर्व सूर्य उपासना का सबसे बड़ा त्योहार होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पष्ठी तिथि पर छठ पूजा मनाई जाती है.
नहाय खाय का शाब्दिक मतलब होता है स्नान करके भोजन करना. वैसे तो धार्मिक दृष्टि से हर दिन स्नान करके ही भोजन करने के लिए कहा गया है, लेकिन छठ के नहाय खाय में व्रती नदियों और तालाब में स्नान करके स्वयं अपने हाथों से अरबा चाल यानी कच्चा चावल का भात बनाते हैं और फिर कद्दू जिसे लौकी और घीया भी कहा जाता है. उसकी सब्जी बनाते हैं फिर सरसों के साग को भी पवित्रता पूर्वक पकाते हैं. इन्हीं को भोजन रूप में मात्र एक बार ग्रहण करते हैं.
ये भी पढ़ें : Chhath Puja 2022 : रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की बढ़ी भीड़, आनंद विहार टर्मिनल पर खास इंतजाम
छठ पर्व की तिथियां
छठ पर्व | कार्यक्रम | तिथियां |
पहला दिन | नहाय खाय | 28 अक्टूबर |
दूसरा दिन | खरना | 29 अक्टूबर |
तीसरा दिन | संध्या अर्घ्य | 30 अक्टूबर |
चौथा दिन | उगते सूरज को अर्घ्य | 31 अक्टूबर |
ये भी पढ़ें : घर लौटने की चाहत में रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़, प्रशासन के इंतजाम नाकाफी