नई दिल्ली: देश में शिक्षा के क्षेत्र में एनसीआरटी एक बड़ा बदलाव करने जा रही है. छात्र अब किताबों में इंडिया शब्द की जगह भारत शब्द को पढ़ेंगे. किताबों में आवश्यक बदलावों को लेकर बने पैनल के प्रस्ताव को एनसीईआरटी ने मंजूरी दे दी है. एनसीईआरटी के पैनल में यह प्रस्ताव कुछ महीने पहले रखा गया था और अब इसे स्वीकार कर लिया गया है. देश में 2022 में नई एजुकेशन पॉलिसी के आने के बाद यह बदलाव किए जा रहे हैं. आइए जानते हैं छात्र इसे कैसे देख रहे हैं.
ETV भारत से बात करते हुए ऋषभ सिंह ने कहा कि इंडिया शब्द अंग्रेजों द्वारा दिया गया शब्द है. प्राचीन काल में हमारे देश का नाम भारत था और अब अगर भारत शब्द किया जा रहा है तो बहुत अच्छा है. यह काम अब किया जा रहा है. इसे सालों पहले किया जाना था, लेकिन सरकार की तरफ से अब किया गया है तो इसकी हम तारीफ करते हैं. हम खुद चाहते हैं कि हमारा देश भारत के नाम से जाना जाए.
वहीं, दूसरे छात्र तुषार ने बताया कि आज एनसीईआरटी के सिलेबस में जो बदलाव किया गया है अच्छा बदलाव है. हालांकि, हम एनसीईआरटी की किताबें पढ़ चुके हैं, लेकिन अब जो नई छात्र आएंगे उन्हें नया बदलाव देखने को मिलेगा और भारत नाम किया गया है जो बेहद ही अच्छा नाम है. इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए और ना ही इस पर कोई राजनीति होनी चाहिए.
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सरकार बेवजह बदल रही नाम: वहीं, दूसरे छात्र शरणदीप सिंह और याकूब अली ने बताया कि इंडिया नाम से किसी को कोई आपत्ति नहीं है. सरकार बेवजह नाम बदल रही है. एनसीईआरटी में जो बदलाव किए गए हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. ना तो भारत नाम से पड़ेगा और ना ही इंडिया नाम से. एक छात्र ने कहा कि साल 2024 का इलेक्शन सामने है इसलिए मोदी सरकार ऐसे काम कर रही है, शायद उन्हें भारत नाम से फायदा हो जाए.
वहीं, याकूब अली का कहना है कि इंडिया नाम पहले से ही चल रहा है. अगर बदलाव करेंगे तो बहुत सारे खर्चे भी बढ़ेंगे. इसलिए यह नाम अच्छा नहीं है, पुराना नाम ही सही है. बदलाव करने से किसी को कोई फायदा नहीं होगा.
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