नई दिल्ली: पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन-जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 5 जून को दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य मानव और पर्यावरण के बीच के गहरे संबंध को समझाना और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करना है, क्योंकि प्रकृति के सुरक्षित होने से ही मानव अपने जीवन सुरक्षित रख सकता है.
इस बार के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम फाइंडिंग सॉल्यूशन फॉर प्लास्टिक पॉल्यूशन है. थीम को लेकर ईटीवी भारत ने यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के प्रभारी डॉ फैयाज खुदसर से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों के लाख प्रयास के बाद भी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं रुका है. पिछले साल भी प्लास्टिक को बैन कर दिया गया था, लेकिन इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ा. उन्होंने कहा कि जिस प्लास्टिक को हर व्यक्ति आपने पास रखता है, वह उसके दुष्प्रभाव को नहीं समझ पा रहा है. इसके लगातार इस्तेमाल का कुप्रभाव न केवल जमीन पर रहने वाले जीवों पर पड़ रहा है, बल्कि इससे जलीय जीवों को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है.
मिट्टी की उर्वरक शक्ति में आती है कमी: हर साल पर्यावरण दिवस पर कई हजारों पेड़ पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन जब तक मिट्टी में उर्वरक शक्ति नहीं होगी तो पेड़ पौधे कैसे पनपेंगे. डॉ. फैयाज ने बताया कि किसी भी तरह के पौधों को पनपने के लिए मिट्टी में पोरोसिटी का होना अतिआवशयक है. जब तक मिटटी में प्लास्टिक के टुकड़े रहेंगे तब तक उसमें माइक्रो ऑर्गेनिज्म के पनपने की गुंजाइश बहुत कम हो जाती है. इस कारण कोई भी पौधा नहीं पनप सकता, बड़ा होना तो दूर की बात है.
प्लास्टिक को खत्म करना जरुरी: वर्तमान में कोई भी अपने आप को प्लास्टिक के उपयोग से अछूता नहीं रख पा रहा है. उन्होंने बताया कि अगर पर्यावरण को शुद्ध करना है तो प्लास्टिक की लेगेसी को समाप्त करने की जरूरत है. उन्होंने इसका समाधान बताया कि पर्यावरण को सुधारने की कोशिश में सरकारों के साथ आम जनता को भी मुहिम में साथ देना होगा. जनता ने सरकार से सड़कें, अस्पताल और मेट्रो मांगा, लेकिन कभी स्वच्छ नदियां और साफ हवा नहीं मांगा. अगर जनता सरकार से इसकी मांग करे तो इस समस्या को जल्दी खत्म किया जा सकता है.
भारत में प्लास्टिक बैन: गौरतलब है कि पिछले साल देश में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक की चीजों को बनाने, बेचने और इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगा दी गई थी. इसका मतलब इन चीजों को बनाना, आयात करना, जमा करना, डिस्ट्रिब्यूशन, सेल और इस्तेमाल करने पर रोक लगाना था. लेकिन इसका प्रभाव बहुत कम ही देखने को मिला. साल 2023 के आते आते तो यह बिल्कुल खत्म हो गया.
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बता दें, जब देश में प्लास्टिक के इस्तेमाल को बैन कर दिया गया था तब प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक की कुल 19 चीजों पर पाबंदी लगाई गई थी. इसमें वह चीजें शामिल थीं, जिन्हें रिसाइकल करने से पहले सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, प्लास्टिक के कैरी बैग्स या थैलियों को इन 19 चीजों में शामिल नहीं किया गया था, जिनका सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है.
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