नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. 4000 से ज्यादा नए केस हर रोज आने लगे हैं. राहत की बात यह है कि टीकाकरण का काम भी तेजी से चल रहा है. नए नियम के तहत कोई भी 45 वर्ष का व्यक्ति टीका लगवा कर खुद को सुरक्षित कर सकते हैं. दिल्ली में इसी नियम के तहत गड़बड़ी की घटनाएं सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से जवाब- तलब किया है. दिल्ली सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी कर निजी कोविड टीकाकरण केंद्रों पर हो रही गड़बड़ी के बारे में जवाब तलब किया है.
केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि निजी केन्द्र पर नियमों की अनदेखी क्यों हुई?
केंद्र सरकार ने सवाल किया है कि नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट नेहरू नगर स्थित विद्या सागर इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ न्यूरो एंड एलाइड साइंसेज (विमहन्स हॉस्पिटल) में कोरोना के टीका के लाभार्थियों द्वारा रजिस्ट्रेशन में गंभीर किस्म की लापरवाही बरती गई है. इस अस्पताल में 45 साल के नीचे के उम्र समूह के लोगों को भी हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्क के रूप में कोविड का टीका लगाया गया है, जोकि केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के विरुद्ध है.
गाइडलाइन का उलंघन करने वाले और भी टीका केंद्र हो सकते हैं
अब केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी कर उसे जवाब- तलब किया है कि आखिर इस तरह की गंभीर किस्म की लापरवाही क्यों बरती गई? दिल्ली सरकार निजी टीकाकेन्द्रों को कैसे नियंत्रित करती है. आंकड़ों के संग्रहण को लेकर भी सवाल उठाए गये हैं. यह केवल एक टीका केंद्र की बात नहीं है. जांच होगी तो ऐसे कई टीका केंद्र सामने आ सकते हैं.