नई दिल्ली: कंफेडेरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भेजकर भारत में ई-कॉमर्स व्यापार को सुव्यवस्थित करने की मांग की है. पत्र के माध्यम से कैट ने सरकार का ध्यान उपभोक्ता कानून के अंतर्गत ई कॉमर्स नियम, ई कॉमर्स नीति एवं ई कॉमर्स में एफडीआई नीति पर केंद्रित करने की कोशिश की गई है. मंत्री पीयूष गोयल से विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए ई कॉमर्स नीति एवं नियमों को लागू करने की भी अपील की है.
4 अगस्त को कैट की बैठकः कैट के प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा एवं प्रदेश महामंत्री देवराज बवेजा तथा आशीष ग्रोवर ने संयुक्त रूप से बताया कि उपभोक्ता कानून और व्यापारिक मुद्दों पर 4 अगस्त को कैट दिल्ली में एक बेहद महत्वपूर्ण बैठक है. इसमें कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया भी शामिल होंगे. कैट के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि देशभर के व्यापारी विदेशी ई-कॉमर्स के हाथों पहले ही बहुत उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं. इसके अलावा व्यापारिक समुदाय कई वैश्विक ई-कॉमर्स दिग्गजों द्वारा कानूनों और नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन कर रहा है. राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने कहा कि दो साल से अधिक समय से विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई बार पीयूष गोयल की सख्त और स्पष्ट चेतावनियों के बावजूद ई कॉमर्स कंपनियां नियमों एवं कानूनों का खुला उल्लंघन कर रही हैं.
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देश में उपभोक्ता नियम कानून का हो पालनः कैट के दिल्ली प्रदेश के महामंत्री आशीष ग्रोवर और देवराज बवेजा ने कहा कि कैट देश के नियमों एवं कानूनों का पालन होने पर जोर दे रहा है. कैट का स्पष्ट मत है कि भारी छूट और फ्लैश बिक्री पर रोक लगाने वाले प्रावधान, ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस को उनके प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले सामान की गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार बनाना, ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा मजबूत शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना, बाजार-विकृतियों को रोकना, माल और सेवाओं की गलत बिक्री, उनके प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत सभी विक्रेताओं के साथ समान व्यवहार और वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री के लिए विक्रेताओं का चयन करने की स्वतंत्रता वाली गतिविधियों पर रोक लगाने हेतु नियमों एवं नीति में शामिल करना बेहद जरूरी है. इससे देश के घरेलू व्यापारियों को "डिजिटल इंडिया" के अनुसार ई-कॉमर्स को बड़े पैमाने पर अपनाने की सुविधा मिलेगी.
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