नई दिल्ली: जंतर-मंतर पर जिस कथित नाबालिग के यौन शोषण को मुद्दा बनाकर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर पहलवान धरना दे रहे थे. उसी नाबालिग को अपनी भतीजी बताने वाले एक शख्स ने कहा कि रोहतक निवासी उनकी भतीजी नाबालिग नहीं है और कई तस्वीरें भी साझा की. उसका यह भी कहना है कि उसकी भतीजी को बहला फुसला कर भाजपा सांसद के खिलाफ मोहरा बनाया गया है.
नाबालिग के चाचा के इस बयान और तस्वीरें साझा करने पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आपत्ति व्यक्त की है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि एक आदमी खुद को बृजभूषण के खिलाफ शिकायत देने वाली नाबालिग बच्ची का चाचा बताकर और उसके कागजात दिखाकर उसकी पहचान उजागर कर रहा है. मैं पुलिस को नोटिस कर रही हूं, इस आदमी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर हो. क्या इसलिए ही बृजभूषण को छोड़ा हुआ है जिससे पीड़िता पर दबाव बन सके?
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एक आदमी खुद को Brij Bhushan के खिलाफ शिकायत देने वाली नाबालिग बच्ची का चाचा बता, उसके काग़ज़ात प्रेस में दिखा लड़की की पहचान उजागर कर रहा है। पुलिस को नोटिस कर रही हूं, इस आदमी के खिलाफ POCSO में FIR हो। क्या इसलिए ही ब्रिज भूषण को छोड़ा हुआ है जिससे पीड़िता पे दबाव बन सके? pic.twitter.com/717ceu0A5y
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) May 31, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) May 31, 2023एक आदमी खुद को Brij Bhushan के खिलाफ शिकायत देने वाली नाबालिग बच्ची का चाचा बता, उसके काग़ज़ात प्रेस में दिखा लड़की की पहचान उजागर कर रहा है। पुलिस को नोटिस कर रही हूं, इस आदमी के खिलाफ POCSO में FIR हो। क्या इसलिए ही ब्रिज भूषण को छोड़ा हुआ है जिससे पीड़िता पे दबाव बन सके? pic.twitter.com/717ceu0A5y
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दरअसल, रोहतक के शीला बाईपास स्थित एक होटल में सोमवार शाम एक प्रेसवार्ता में खुद को नाबालिग लड़की का चाचा बताने वाले शख्स ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में पहलवान बड़ी साजिश कर रहे हैं. वे जातिवाद बढ़ाने के साथ आंसू दिखाकर खापों को गुमराह कर रहे हैं. साथ ही यह भी कहा गया कि वे महिलाओं के लिए बने कानून और पॉक्सो एक्ट का गलत प्रयोग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि उनके बड़े भाई को बरगलाने के साथ भतीजी को भी इसमें इस्तेमाल किया है.
गौरतलब है कि भारतीय पहलवान 18 जनवरी को पहली बार दिल्ली के जंतर मंतर में धरने पर बैठे थे. तब पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. ऐसे में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के साथ बात की और 21 जनवरी को धरना खत्म कर दिया. साथ ही बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के कामकाज से अलग कर दिया गया और उनके खिलाफ लगे आरोपों पर जांच के लिए समिति बना दी गई.
इसके बाद अप्रैल में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट जारी की, लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया. ऐसे में पहलवान 23 अप्रैल को फिर जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. इसके बाद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की, जिसमें से एक पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज की गई थी. पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे और प्रदर्शन जारी रखा. वहीं बृजभूषण शरण सिंह अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नाकार चुके हैं.
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