नई दिल्ली/नोएडा: यूपी सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है और अपराध को जड़ से खत्म करने का संदेश देने का दावा करती है. पुलिसकर्मियों से शासन प्रशासन में बैठे लोगों द्वारा थाने पर आए पीड़ित से मृदुल स्वभाव रखने की बात कही जाती है. इससे उलट गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरी में अपराध रोकने में असफल पुलिस की तरफ से हिरासत में लेकर युवक के साथ मारपीट जैसी घटना को अंजाम देती है. इसका जीता जागता उदाहरण ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 थाने में देखने को मिला. यहां जितेंद्र उर्फ जीतू नाम के युवक को हिरासत में लेकर मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है. इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी सहित करीब 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश हुआ है.
ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 थाने की पुलिस ने जितेंद्र उर्फ जीतू नाम के शख्स को रंगदारी मांगने के मामले में हिरासत में लिया था. फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. जीतू ने पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए आत्महत्या की धमकी दी थी, पर बीटा-2 थाने की पुलिस और तत्कालीन थाना प्रभारी ने उसकी एक नहीं सुनी. इसकी शिकायत जब प्रदेश के मुख्यमंत्री से की गई तो मुख्यमंत्री के आदेश पर बीटा-2 थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी सहित करीब 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी हुआ.
पीड़ित का आरोप है कि हिरासत के दौरान उसके साथ मारपीट की गई, साथ ही अभद्र व्यवहार भी किया गया. मारपीट का वीडियो भी अधिकारियों के संज्ञान में दिया गया था. मारपीट के दौरान पीड़ित को पेशाब पिलाने जैसी बात भी सामने आई थी. पीड़ित अलीगढ़ जनपद का रहने वाला बताया जा रहा है, जो एलएलबी का छात्र है. ग्रेटर नोएडा जोन के डीसीपी साद मिया खान का कहना है कि यह प्रकरण काफी पुराना है, मामले की जांच की जा रही है. इस पूरे प्रकरण में पूर्व में पीड़ित का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ था. फिलहाल पूरे मामले में पुलिस विभाग की आलाधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं और मामले की जांच करने की बात कही जा रही है.
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