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मेरठ से पुणे तक बिक रही चोरी की गाड़ियां, खरीदार को नहीं खबर

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Published : May 27, 2022, 10:23 PM IST

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो 500 से अधिक कारों की चोरी करके विभिन्न राज्यों में बेच चुका है. इसके लिए वे इंश्योरेंस के पास पहुंची टोटल लॉस गाड़ियों के दस्तावेज खरीदकर उसका इंजन चेसिस नंबर चोरी की गाड़ी पर चढ़ा देते थे. इस गिरोह का नेटवर्क दिल्ली से लेकर मेरठ और पुणे तक फैला था. पढ़ें परी खबर...

दिल्ली पुलिस ने कार चोरी के आरोप में किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने कार चोरी के आरोप में किया गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर से चोरी हुई गाड़ियों को मेरठ से लेकर पुणे तक बेचा जा रहा है. लेकिन खरीदारों को यह पता ही नहीं चलता कि उनके पास मौजूद गाड़ी चोरी की है. यह खुलासा चोरी की गाड़ी बेचने वाले दो युवकों ने किया है. पुलिस ने अजरुदीन उर्फ अज्जू और अल्ताफ कसम अतर के पास से चोरी की 15 गाड़ियां बरामद की हैं. जिनमें महंगे ब्रांड की कई गाड़ियां शामिल है. आरोपी अब तक 500 से ज्यादा चोरी की गाड़ियां बीते 4 साल में सप्लाई कर चुके हैं.


मध्य जिला डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि वाहन चोरी की वारदातों को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन एसीपी योगेश मल्होत्रा की देखरेख में एएटीएस के इंचार्ज, सब इंस्पेक्टर संदीप गोदारा और एसआई माजिद छानबीन कर रहे थे. पुलिस टीम को पता चला कि मेरठ का रहने वाला अजरुदीन उर्फ अज्जू चोरी की गाड़ियां खरीदता है. पूर्व में पकड़े गए इंतजार और भूरा भी उसे चोरी की गाड़ियां सप्लाई करते थे. इसके बाद वे इंश्योरेंस के पास पहुंची टोटल लॉस गाड़ियों के दस्तावेज खरीदकर उसका इंजन चेसिस नंबर चोरी की गाड़ी पर चढ़ा देते थे. फिर उक्त गाड़ी को आगे बेच दिया जाता था. चोरी की गाड़ियां मेरठ से लेकर गुजरात और पुणे तक सप्लाई की जाती थी.


पुलिस टीम ने अजरुदीन के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया. पुलिस को पता चला कि वह फ्लाइट से दिल्ली आ रहा है. वह गुजरात में चोरी की गाड़ियां सप्लाई करने के लिए गया हुआ था. पुलिस टीम ने उसे डोमेस्टिक एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया. तलाशी में उसके पास से कार की डुप्लीकेट चाबी बरामद हुई. उसने बताया कि यह चोरी की एक कार की चाबी है. उसकी निशानदेही पर जीबी पंत हॉस्पिटल के पास से यह गाड़ी बरामद हो गई. जांच से पता चला कि यह गाड़ी साउथ रोहिणी इलाके से बीते 12 दिसंबर को चोरी की गई थी. उसने बता बताया कि यह गाड़ी उसने इंतजार और भूरा से खरीदी थी.

ये भी पढ़ें: जानें दिल्ली में गाड़ी चोरी के पीछे की पांच बड़ी वजह, इससे बचना भी है आसान

उसने पुलिस को बताया कि मेरठ में होने वाली लगातार छापेमारी के चलते उसने चोरी के वाहन बेचने का धंधा पुणे शिफ्ट कर लिया है. पुणे में वह अल्ताफ कसम को वह गाड़ी बेचता है. अल्ताफ उसे आगे आम लोगों को बेच देता है. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अल्ताफ को पुणे के वर्कशॉप से गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के समय वह एक कार को काट रहा था. उसने बताया कि अज्जू चोरी की गाड़ियों को पुणे में कंटेनर के माध्यम से भेजता था. वह उस पर टोटल लॉस गाड़ी के इंजन और चेसिस नंबर चढ़ाकर उसे आगे बेच देता था. वह अब तक ऐसी 500 से ज्यादा गाड़ियां बेच चुके हैं.

दिल्ली में कार चोरी के बड़े रैकेट का खुलासा
दिल्ली में कार चोरी के बड़े रैकेट का खुलासा



आरोपियों के पास से चार बलेनो, एक ब्रिजा, दो मारुति स्विफ्ट, चार इनोवा क्रिस्टा, दो फॉर्च्यूनर, एक बीट और एक किया सेल्टोस बरामद की गई है. मुख्य आरोपी अजरुदीन उर्फ अज्जू मेरठ का रहने वाला है. जल्दी रुपए कमाने के लिए वह चोरी की गाड़ियां खरीदता था. वह अल्ताफ कसम के साथ मिलकर इंजन और चेसिस नंबर को बदलकर उसे पुणे में बेच देता था. खरीदार को इस बात की भनक तक नहीं लगती थी कि यह गाड़ी चोरी की है. दूसरा आरोपी अल्ताफ महाराष्ट्र का रहने वाला है. वह कई वर्षों से अजरुदीन के साथ काम कर रहा है.

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नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर से चोरी हुई गाड़ियों को मेरठ से लेकर पुणे तक बेचा जा रहा है. लेकिन खरीदारों को यह पता ही नहीं चलता कि उनके पास मौजूद गाड़ी चोरी की है. यह खुलासा चोरी की गाड़ी बेचने वाले दो युवकों ने किया है. पुलिस ने अजरुदीन उर्फ अज्जू और अल्ताफ कसम अतर के पास से चोरी की 15 गाड़ियां बरामद की हैं. जिनमें महंगे ब्रांड की कई गाड़ियां शामिल है. आरोपी अब तक 500 से ज्यादा चोरी की गाड़ियां बीते 4 साल में सप्लाई कर चुके हैं.


मध्य जिला डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि वाहन चोरी की वारदातों को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन एसीपी योगेश मल्होत्रा की देखरेख में एएटीएस के इंचार्ज, सब इंस्पेक्टर संदीप गोदारा और एसआई माजिद छानबीन कर रहे थे. पुलिस टीम को पता चला कि मेरठ का रहने वाला अजरुदीन उर्फ अज्जू चोरी की गाड़ियां खरीदता है. पूर्व में पकड़े गए इंतजार और भूरा भी उसे चोरी की गाड़ियां सप्लाई करते थे. इसके बाद वे इंश्योरेंस के पास पहुंची टोटल लॉस गाड़ियों के दस्तावेज खरीदकर उसका इंजन चेसिस नंबर चोरी की गाड़ी पर चढ़ा देते थे. फिर उक्त गाड़ी को आगे बेच दिया जाता था. चोरी की गाड़ियां मेरठ से लेकर गुजरात और पुणे तक सप्लाई की जाती थी.


पुलिस टीम ने अजरुदीन के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया. पुलिस को पता चला कि वह फ्लाइट से दिल्ली आ रहा है. वह गुजरात में चोरी की गाड़ियां सप्लाई करने के लिए गया हुआ था. पुलिस टीम ने उसे डोमेस्टिक एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया. तलाशी में उसके पास से कार की डुप्लीकेट चाबी बरामद हुई. उसने बताया कि यह चोरी की एक कार की चाबी है. उसकी निशानदेही पर जीबी पंत हॉस्पिटल के पास से यह गाड़ी बरामद हो गई. जांच से पता चला कि यह गाड़ी साउथ रोहिणी इलाके से बीते 12 दिसंबर को चोरी की गई थी. उसने बता बताया कि यह गाड़ी उसने इंतजार और भूरा से खरीदी थी.

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उसने पुलिस को बताया कि मेरठ में होने वाली लगातार छापेमारी के चलते उसने चोरी के वाहन बेचने का धंधा पुणे शिफ्ट कर लिया है. पुणे में वह अल्ताफ कसम को वह गाड़ी बेचता है. अल्ताफ उसे आगे आम लोगों को बेच देता है. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अल्ताफ को पुणे के वर्कशॉप से गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के समय वह एक कार को काट रहा था. उसने बताया कि अज्जू चोरी की गाड़ियों को पुणे में कंटेनर के माध्यम से भेजता था. वह उस पर टोटल लॉस गाड़ी के इंजन और चेसिस नंबर चढ़ाकर उसे आगे बेच देता था. वह अब तक ऐसी 500 से ज्यादा गाड़ियां बेच चुके हैं.

दिल्ली में कार चोरी के बड़े रैकेट का खुलासा
दिल्ली में कार चोरी के बड़े रैकेट का खुलासा



आरोपियों के पास से चार बलेनो, एक ब्रिजा, दो मारुति स्विफ्ट, चार इनोवा क्रिस्टा, दो फॉर्च्यूनर, एक बीट और एक किया सेल्टोस बरामद की गई है. मुख्य आरोपी अजरुदीन उर्फ अज्जू मेरठ का रहने वाला है. जल्दी रुपए कमाने के लिए वह चोरी की गाड़ियां खरीदता था. वह अल्ताफ कसम के साथ मिलकर इंजन और चेसिस नंबर को बदलकर उसे पुणे में बेच देता था. खरीदार को इस बात की भनक तक नहीं लगती थी कि यह गाड़ी चोरी की है. दूसरा आरोपी अल्ताफ महाराष्ट्र का रहने वाला है. वह कई वर्षों से अजरुदीन के साथ काम कर रहा है.

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