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दिल्ली से वाराणसी तक दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, बनेंगे 13 विश्वस्तरीय स्टेशन

देश में चलने वाले बुलेट ट्रेन का खाका तैयार किया जा रहा है. इसके तहत दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के कुल 13 स्टेशन बनेंगे. जो पूरी तरह वातानुकूलित होंगे और यहां की सुविधाएं विश्व स्तरीय होंगी.

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Published : Apr 2, 2021, 2:50 AM IST

Bullet train will run from Delhi to Varanasi
दिल्ली से वाराणसी तक दौड़ेगी बुलेट ट्रेन

नई दिल्ली/वाराणसी: देश में चलने वाले बुलेट ट्रेन का खाका तैयार किया जा रहा है. इसके तहत दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के कुल 13 स्टेशन बनेंगे. इसका आखिरी स्टेशन मंडुआडीह में होगा. यह स्टेशन पूरी तरह वातानुकूलित होगा. जहां की सुविधाएं विश्व स्तरीय होंगी.

दिल्ली के दो जिलों से गुजरेगा कोरिडोर

दिल्ली से बनारस चलने वाली बुलेट ट्रेन के लिए जो हाई स्पीड कारिडोर बनाया जाएगा. जो कि 9 से 10 मीटर ऊंचा ऊपरगामी होगा. यह हाई स्पीड कारिडोर उत्तर प्रदेश के 22 जिलों तथा दिल्ली के दो जिलों से होकर गुजरेगा.

इसे भी पढ़ें- खत्म हुआ इंतजार, आज से शुरू हुआ दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे


यहां बनेगा विश्व स्तरीय स्टेशन
दिल्ली से वाराणसी चलने वाले बुलेट ट्रेन में विश्व स्तरीय सुविधाएं रहेंगी. पूर्वोत्तर रेलवे के ज्ञानपुर ट्रैक के किनारे से हाई स्पीड कारिडोर प्रस्तावित हुआ है. दिल्ली से वाराणसी तक की दूरी 810 किमी होगी. बनारस में 22 किमी का कारिडोर बनेगा. जिसमें नई दिल्ली, नोएडा, मथुरा, आगरा, इटावा, साउथ कन्नौज, लखनऊ, अयोध्या, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, मंडुआडीह और वाराणसी विश्व स्तरीय स्टेशन बनाए जाएंगे.

भूमि अधिग्रहण के लिए बनाई जाएंगी समितियां

आकलन के अनुसार बनारस के 22 गांवों में एक सौ हेक्टेअर जमीन के अधिग्रहण की जरूरत होगी. इसके लिए प्रत्येक गांव में समितियां बनाई जाएंगी. किसानों की सहमति से खरीदी जाएगी. इसके अलावा समाचार पत्र में अधिग्रहण की सूचना दी जाएगी. ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट से चार गुना तथा शहरी क्षेत्र में दो-गुना मुआवजा दिया जाएगा. इस परियोजना में कुल 794 गांव प्रभावित हो रहे हैं. कुल 2324 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता हैं, जिसमें 1735 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है.

नई दिल्ली/वाराणसी: देश में चलने वाले बुलेट ट्रेन का खाका तैयार किया जा रहा है. इसके तहत दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के कुल 13 स्टेशन बनेंगे. इसका आखिरी स्टेशन मंडुआडीह में होगा. यह स्टेशन पूरी तरह वातानुकूलित होगा. जहां की सुविधाएं विश्व स्तरीय होंगी.

दिल्ली के दो जिलों से गुजरेगा कोरिडोर

दिल्ली से बनारस चलने वाली बुलेट ट्रेन के लिए जो हाई स्पीड कारिडोर बनाया जाएगा. जो कि 9 से 10 मीटर ऊंचा ऊपरगामी होगा. यह हाई स्पीड कारिडोर उत्तर प्रदेश के 22 जिलों तथा दिल्ली के दो जिलों से होकर गुजरेगा.

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यहां बनेगा विश्व स्तरीय स्टेशन
दिल्ली से वाराणसी चलने वाले बुलेट ट्रेन में विश्व स्तरीय सुविधाएं रहेंगी. पूर्वोत्तर रेलवे के ज्ञानपुर ट्रैक के किनारे से हाई स्पीड कारिडोर प्रस्तावित हुआ है. दिल्ली से वाराणसी तक की दूरी 810 किमी होगी. बनारस में 22 किमी का कारिडोर बनेगा. जिसमें नई दिल्ली, नोएडा, मथुरा, आगरा, इटावा, साउथ कन्नौज, लखनऊ, अयोध्या, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, मंडुआडीह और वाराणसी विश्व स्तरीय स्टेशन बनाए जाएंगे.

भूमि अधिग्रहण के लिए बनाई जाएंगी समितियां

आकलन के अनुसार बनारस के 22 गांवों में एक सौ हेक्टेअर जमीन के अधिग्रहण की जरूरत होगी. इसके लिए प्रत्येक गांव में समितियां बनाई जाएंगी. किसानों की सहमति से खरीदी जाएगी. इसके अलावा समाचार पत्र में अधिग्रहण की सूचना दी जाएगी. ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट से चार गुना तथा शहरी क्षेत्र में दो-गुना मुआवजा दिया जाएगा. इस परियोजना में कुल 794 गांव प्रभावित हो रहे हैं. कुल 2324 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता हैं, जिसमें 1735 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है.

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