ETV Bharat / state

जानबूझकर रोका गया मोहल्ला क्लीनिक का बजट,एक पैटर्न के तहत रोके जा रहे दिल्ली सरकार के काम : आप - deliberately stopped works

आम आदमी पार्टी के विधायक और प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को मोहल्ला क्लीनिक का बजट (budget of mohalla clinic) रोके जाने और डॉक्टरों की सैलरी न दिए जाने पर दिल्ली विधानसभा में बैठक बुलाई और अधिकारियों को निर्देश दिए. इसके बाद उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली सरकार के काम को एक खास पैटर्न के तहत रोका जा रहा है.

जानबूझकर रोका गया मोहल्ला क्लीनिक का बजट
जानबूझकर रोका गया मोहल्ला क्लीनिक का बजट
author img

By

Published : Dec 20, 2022, 8:07 PM IST

Updated : Dec 20, 2022, 8:18 PM IST

जानबूझकर रोका गया मोहल्ला क्लीनिक का बजट

नई दिल्ली : मोहल्ला क्लीनिक का बजट रोके जाने और डॉक्टरों की सैलरी न मिलने को लेकर विधानसभा में बुलाई गई विशेष बैठक में आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने अधिकारियों को विशेष निर्देश देने के साथ मीडिया के सामने आकर पूरे मामले के लिए फाइनेंस विभाग के अधिकारी आशीष चंद्र वर्मा को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि वर्मा ने जानबूझकर स्वास्थ्य विभाग से ऐसे डाक्यूमेंट्स मांगे (deliberately stopped works )जिससे कि वेतन और बजट जारी करने में देरी की जा सके. दिल्ली सरकार मामले को लेकर एलजी से शिकायत कर ऐसे अधिकारियों का तबादला करने को कहेगी.


तीन माह से नहीं हो पा रहा कोई टेस्ट : दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले मोहल्ला क्लीनिक का बजट रोके जाने के चलते पिछले 3 महीने से न तो इन मोहल्ला क्लीनिक के अंदर किसी प्रकार का कोई टेस्ट हो पा रहा है और न ही पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध हो पा रही थी. जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. साथ ही मोहल्ला क्लिनिक में काम करने वाले मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर को भी सैलरी नहीं मिल रही थी. मंगलवार को आप प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज की ओर से दिल्ली विधानसभा के अंदर विशेष बैठक बुलाई गई. जिसमें स्वास्थ्य और फाइनेंशिल कमेटी के सभी अधिकारी मौजूद थे. बैठक के अंदर बजट रोके जाने और सैलरी रोके जाने की कारणों की समीक्षा की गई बल्कि सौरभ भारद्वाज के द्वारा अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए ताकि आगे से इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न न हो.

कभी नहीं मांगे गए थे ऐसे डॉक्यूमेंट्स :बैठक के बाद सौरभ भारद्वाज ने मीडिया को बताया कि मोहल्ला क्लीनिक के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर को बुलाया गया था. जिसकी गवाही के बाद आज एक चीज सामने आई है कि वेतन देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो फाइल फाइनेंस से विभाग को भेजी गई थी उस पर फाइनेंस विभाग ने कुछ ऐसे डॉक्यूमेंट्स की मांग की गई जिससे कि मामले को लटका कर देर की जा सके. ये डॉक्यूमेंट ऐसे थे जो आज से पहले कभी भी नहीं मांगे गए थे. इन्हें सिर्फ इसलिए मांगा गया ताकि वेतन जारी करने में देरी की जा सके.

वित्त विभाग के अधिकारी आशीष चंद्र वर्मा पर आरोप : सौरभ भारद्वाज ने फाइनेंस विभाग के अधिकारी आशीष चंद्र वर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा जानबूझकर वेतन जारी करने में देरी की जाने के लिए इस तरह के डॉक्यूमेंट मांग कर कर्मियों की तनख्वाह को रोका गया, जबकि खुद हेल्थ डिपार्टमेंट के पास अपना 70 करोड़ का फंड मौजूद था. इसके बावजूद कर्मचारियों को सैलरी नहीं दी गई, क्योंकि फाइनेंस विभाग के अधिकारी आशीष चंद्र वर्मा ने इस पैसे से वेतन जारी करने पर भी रोक लगाई थी. मोहल्ला क्लीनिक के विजिट पर अधिकारी आज तक नहीं गए जो हैरानी की बात है. अब उन्हें हर रोज 3 मोहल्ला क्लीनिक का विजिट कर कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि फाइलों को इधर से उधर घुमाने के खेलकर वेतन रोका गया है.

ये भी पढ़ें :- Advertisement Controversy: AAP बोलीं- LG के पास आदेश देने का अधिकार नहीं, औरंगजेब की तरह व्यवहार कर रहे


सरकार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करेगी :सौरभ भारद्वाज ने यह भी कहा कि कमेटी का मेंबर होने के नाते मैं यह तो नहीं कहूंगा कि इन सभी कामों में देर एलजी के इशारे पर हो रही है या एलजी रुकवा रहे हैं लेकिन एक ऐसा पैटर्न देखा जा रहा है जिसमें जानबूझकर चीजों को डिले किया जा रहा है. चाहे वह विधवाओं की पेंशन रोका जाना हो या वृद्धावस्था पेंशन रोका जाना हो, या जल बोर्ड का फंड 6 महीने तक रोका जाना, जिससे काम डिले हो जाए. दिल्ली सरकार एलजी साहब को अपनी तरफ से ज्ञापन देकर दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करेगी.


सुकेश का बयान मदारी के जमूरे की तरह :सुकेश चंद्र शेखर की ओर से कोर्ट की पेशी के दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान दिए गए बयान पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी भी उन्हें सुकेश जी कहती हैं. सुकेश चंद्रशेखर का बयान वैसा ही है जैसा एक जमूरा मदारी के कहने पर कहेगा.

ये भी पढ़ें :- तिहाड़ जेल की सुरक्षा में नई तकनीक HCBS का होगा इस्तेमाल

जानबूझकर रोका गया मोहल्ला क्लीनिक का बजट

नई दिल्ली : मोहल्ला क्लीनिक का बजट रोके जाने और डॉक्टरों की सैलरी न मिलने को लेकर विधानसभा में बुलाई गई विशेष बैठक में आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने अधिकारियों को विशेष निर्देश देने के साथ मीडिया के सामने आकर पूरे मामले के लिए फाइनेंस विभाग के अधिकारी आशीष चंद्र वर्मा को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि वर्मा ने जानबूझकर स्वास्थ्य विभाग से ऐसे डाक्यूमेंट्स मांगे (deliberately stopped works )जिससे कि वेतन और बजट जारी करने में देरी की जा सके. दिल्ली सरकार मामले को लेकर एलजी से शिकायत कर ऐसे अधिकारियों का तबादला करने को कहेगी.


तीन माह से नहीं हो पा रहा कोई टेस्ट : दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले मोहल्ला क्लीनिक का बजट रोके जाने के चलते पिछले 3 महीने से न तो इन मोहल्ला क्लीनिक के अंदर किसी प्रकार का कोई टेस्ट हो पा रहा है और न ही पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध हो पा रही थी. जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. साथ ही मोहल्ला क्लिनिक में काम करने वाले मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर को भी सैलरी नहीं मिल रही थी. मंगलवार को आप प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज की ओर से दिल्ली विधानसभा के अंदर विशेष बैठक बुलाई गई. जिसमें स्वास्थ्य और फाइनेंशिल कमेटी के सभी अधिकारी मौजूद थे. बैठक के अंदर बजट रोके जाने और सैलरी रोके जाने की कारणों की समीक्षा की गई बल्कि सौरभ भारद्वाज के द्वारा अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए ताकि आगे से इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न न हो.

कभी नहीं मांगे गए थे ऐसे डॉक्यूमेंट्स :बैठक के बाद सौरभ भारद्वाज ने मीडिया को बताया कि मोहल्ला क्लीनिक के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर को बुलाया गया था. जिसकी गवाही के बाद आज एक चीज सामने आई है कि वेतन देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो फाइल फाइनेंस से विभाग को भेजी गई थी उस पर फाइनेंस विभाग ने कुछ ऐसे डॉक्यूमेंट्स की मांग की गई जिससे कि मामले को लटका कर देर की जा सके. ये डॉक्यूमेंट ऐसे थे जो आज से पहले कभी भी नहीं मांगे गए थे. इन्हें सिर्फ इसलिए मांगा गया ताकि वेतन जारी करने में देरी की जा सके.

वित्त विभाग के अधिकारी आशीष चंद्र वर्मा पर आरोप : सौरभ भारद्वाज ने फाइनेंस विभाग के अधिकारी आशीष चंद्र वर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा जानबूझकर वेतन जारी करने में देरी की जाने के लिए इस तरह के डॉक्यूमेंट मांग कर कर्मियों की तनख्वाह को रोका गया, जबकि खुद हेल्थ डिपार्टमेंट के पास अपना 70 करोड़ का फंड मौजूद था. इसके बावजूद कर्मचारियों को सैलरी नहीं दी गई, क्योंकि फाइनेंस विभाग के अधिकारी आशीष चंद्र वर्मा ने इस पैसे से वेतन जारी करने पर भी रोक लगाई थी. मोहल्ला क्लीनिक के विजिट पर अधिकारी आज तक नहीं गए जो हैरानी की बात है. अब उन्हें हर रोज 3 मोहल्ला क्लीनिक का विजिट कर कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि फाइलों को इधर से उधर घुमाने के खेलकर वेतन रोका गया है.

ये भी पढ़ें :- Advertisement Controversy: AAP बोलीं- LG के पास आदेश देने का अधिकार नहीं, औरंगजेब की तरह व्यवहार कर रहे


सरकार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करेगी :सौरभ भारद्वाज ने यह भी कहा कि कमेटी का मेंबर होने के नाते मैं यह तो नहीं कहूंगा कि इन सभी कामों में देर एलजी के इशारे पर हो रही है या एलजी रुकवा रहे हैं लेकिन एक ऐसा पैटर्न देखा जा रहा है जिसमें जानबूझकर चीजों को डिले किया जा रहा है. चाहे वह विधवाओं की पेंशन रोका जाना हो या वृद्धावस्था पेंशन रोका जाना हो, या जल बोर्ड का फंड 6 महीने तक रोका जाना, जिससे काम डिले हो जाए. दिल्ली सरकार एलजी साहब को अपनी तरफ से ज्ञापन देकर दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करेगी.


सुकेश का बयान मदारी के जमूरे की तरह :सुकेश चंद्र शेखर की ओर से कोर्ट की पेशी के दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान दिए गए बयान पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी भी उन्हें सुकेश जी कहती हैं. सुकेश चंद्रशेखर का बयान वैसा ही है जैसा एक जमूरा मदारी के कहने पर कहेगा.

ये भी पढ़ें :- तिहाड़ जेल की सुरक्षा में नई तकनीक HCBS का होगा इस्तेमाल

Last Updated : Dec 20, 2022, 8:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.